जयपुर। नोटबंदी के बाद से शहर में बिल्डर्स बिल्डिंग मेटेरियल से जुडा कारोबार प्रभावित हुआ है। दरअसल सबसे ज्यादा प्रभाव बजरी की कीमतों में देखने को मिला है। इसका भी प्रमुख कारण यह है कि बजरी का सौदा अब तक नकद में हुआ करता था। अब ऐसे में बजरी ट्रक ऑपरेटर्स अपनी दरों में भी भारी कमी कर रहे है। [@ छेड़छाड़ का विरोध करने पर महिला को सरेआम पीटा, वीडियो वायरल]
नोटबंदी के चलते कुछ ऑपरेटर्स तो नुकसान में भी बजरी बेच रहे है,ताकि नकद भुगतान से गाड़ी की किश्त निकाली जा सके। नोटबंदी से पहले 9 टन बजरी का ट्रक 12 हजार में बिकता था,आज वहीं ट्रक 9500-10500 रूपए में बिक रहा है। वहीं, 18 हजार रूपए में बिकने वाला ट्रक वर्तमान में 14,500 से 15,500 में बिक रहा है। ऑल राजस्थान बजरी ट्रक ऑपरेटर्स वैलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष नवीन शर्मा का कहना है कि लीजधारकों ने तो पूर्व में ही भराई शुल्क कम कर दिया,लेकिन नोट बंदी के कारण निर्माण कार्यों में कमी आई है। जिसके कारण ट्रक ऑपरेटर के सामने रोजी-रोटी की समस्यां आने लगी है और मजबूरी में घाटे की दरों में बजरी बेच रहे है।
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