नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को डीएनडी (दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट) फ्लाईओवर पर अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि टोल फिलहाल अगले आदेश तक फ्री रहेगा। इसी के साथ कोर्ट ने कंप्ट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल ऑफ इंडिया (कैग) को ऑडिट कर यह बताने को कहा है कि प्रोजेक्ट बनाने में कितना खर्च आया और कंपनी कितना पैसा वसूल चुकी है। कैग को यह ऑडिट रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में चार हफ्ते में जमा करानी है।इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर डीएनडी को टोल फ्री किया गया था और इस फैसले के खिलाफ कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर किया था। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर अंतरिम आदेश जारी किया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 28 अक्टूबर को हाईकोर्ट के फैसले पर अंतरिम रोक लगाने से मना कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि यह भी देखेंगे कि क्या कैग या किसी स्वतंत्र एजेंसी से इस मामले में जांच कराई जाए। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने सख्त टिप्पणी करते हुए यह भी कहा था कि 10 किलोमीटर की सडक़ को ऐसे बता रहे हैं, जैसे चांद तक की सडक़ बनाई हो। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान नोएडा अथॉरिटी को भी फटकार लगाई थी और कहा था कि आप लोगों के साथ हैं या टोल कंपनी के साथ? लगता है कि अथॉरिटी इस मामले में गंभीर नहीं है।
कंपनी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि यह प्रोजेक्ट 1991-92 का है जब कंपनियां देश में आने को तैयार नहीं थीं। 1997 में एमओयू साइन हुआ, 2001 में यह शुरू हुआ। पिछले छह साल से कंपनी घाटे में चल रही है। शर्त के मुताबिक, 20 फीसदी सालाना इंटरनल रेट ऑफ रिटर्न (आईआरआर) मिलना चाहिए या यह कॉन्ट्रेक्ट 30 साल चलेगा। हम इसकी जांच कैग या किसी एजेंसी से कराने को तैयार है।
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