चेन्नई। तमिलनाडु के विपक्षी दल द्रविड़ मुनेत्र कडग़म (डीएमके) ने मुख्यमंत्री के.पलानीस्वामी द्वारा दो दिन पहले जीते गए विश्वास मत के मुद्दे पर सुनवाई के लिए मद्रास उच्च न्यायालय का रुख किया है। अदालत ने डीएमके के वकील से याचिका दायर करने को कहा है, जिस पर मंगलवार को सुनवाई हो सकती है। [# यूपी चुनाव: सत्ता के लिए सब चलेगा, भले दागी ही क्यों न हों?] [# अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
विधानसभा में हंगामे के बीच शनिवार को पलानीस्वामी द्वारा विश्वास मत जीतने के बाद डीएमके नेता एम.के.स्टालिन ने राज्यपाल से विधासभा की कार्यवाही को अमान्य घोषित करने का आग्रह किया था। विधानसभा में विपक्ष के नेता स्टालिन ने राज्यपाल सी.विद्यासागर राव से कहा कि पलनीस्वामी द्वारा पेश विश्वास प्रस्ताव को सदन से पूरे विपक्ष की अनुपस्थिति में स्वीकार कर लिया गया। स्टालिन ने राव से अपनी संवैधानिक शक्तियों का इस्तेमाल कर पूरी कार्यवाही को अमान्य घोषित करने का आग्रह किया था, ताकि लोकतांत्रिक एवं संवैधानिक भावना को बचाया जा सके।
स्टालिन ने कहा कि विधानसभा परिसर में पुलिस की तैनाती की गई, जिससे लग रहा था कि युद्ध जैसी स्थिति है। उन्होंने आरोप लगाया कि मतदान भय के साये में हुआ। स्टालिन के मुताबिक, सत्तारूढ़ ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कडग़म (एआईएडीएमके) की महासचिव वी.के.शशिकला के खेमे के विधायकों को कड़ी सुरक्षा के बीच रिजॉर्ट से विधानसभा लाया गया। ऐसा लग रहा था कि उन्हें धमकाया गया है। स्टालिन ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष पी. धनपाल ने विश्वास मत के लिए उनके गुप्त मतदान के आग्रह को खारिज कर दिया।
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