चेन्नई। शनिवार को तमिलनाडु विधानसभा में हंगामे के बीच मुख्यमंत्री
पलानीस्वामी ने बहुमत हासिल कर लिया है लेकिन राज्य में राजनीतिक घमासान
थमा नहीं है। गुप्त मतदान की मांग को लेकर हंगामे की वजह से सदन से बाहर
किए गए विपक्षी पार्टी डीएमके के विधायकों में भारी आक्रोश है।
[# अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
डीएमके नेता स्टालिन ने गवर्नर सी विद्यासागर राव को पत्र लिखकर
लोकतांत्रिक मूल्यों को फिर से स्थापित कराने की गुजारिश की है। उन्होंने
पत्र में लिखा है कि विधानसभा अध्यक्ष ने एजेंडे के तहत डीएमके की
अनुपस्थिति में मुख्यमंत्री के विश्वास मत जीतने का ऎलान कर दिया, जो
असंवैधानिक है।
इससे पहले पलानीस्वामी के विश्वास मत के दौरान विधानसभा में जमकर हंगामा
हुआ।
पुलिस और मार्शल पर हमले का आरोप लगाने वाले विपक्ष के नेता एमके
स्टालिन राज्यपाल से मिलने के बाद भूख हडताल पर बैठ गए। विश्वासमत परीक्षण
प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे स्टालिन को बाद में पुलिस ने हिरासत में ले
लिया।
डीएमके के कार्यकारी प्रमुख अपने समर्थकों के साथ मरीना बीच स्थित गांधी
प्रतिमा के सामने एकत्रित हुए और धरने पर बैठ गए। यहां धारा 144 लागू होने
की वजह से पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
मुख्तार अंसारी की मौत : पूर्वांचल के चार जिलों में अलर्ट, बांदा में भी बढ़ी सुरक्षा, जेल में अचानक बिगड़ी थी तबीयत
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक कश्मीर में नजरबंद
शराब घोटाला मामला: एक अप्रैल तक ईडी की हिरासत में केजरीवाल
Daily Horoscope