गुरुग्राम। रियो पैरालंपिक में रजत पदक जीत देश का नाम रोशन करने वाली दीपा मलिक अब युवा दिव्यांगों के लिए काम करना चाहती है। दीपा का कहना है कि दिव्यांग के पास शिक्षा और खेल में अवसर बराबर होने चाहिए। अगर ऐसा होता है तो दिव्यांग दुनिया में देश का नाम रोशन करेंगे। उन्होंने देश में दिव्यांगों के हालात में धीरे धीरे सुधार होने की बात भी कही। दीपा ने कहा कि जो भी दिव्यांग अपने को कमजोर समझ लेता है। कामयाबी उससे दूरी बना लेती है। जिंदगी सभी को आगे बढ़ने का मौका देती है। रियो जीतने वाली दीपा अपने संघर्ष पर ज्यादा बात करना नहीं चाहतीं। रियो पदक के बाद दीपा एक ऐसी अकादमी स्थापित करना चाहती है। जिसमें स्कूल, खेल प्रेक्टिस और रहने की सुविधा हो। कहीं पर भी खेलने और जाने के लिए बस सुविधा हो। क्योंकि दिव्यांग लड़कियों के लिए ये बड़ी परेशानी है। देश में अभी दिव्यांग लड़कियों के लिए कोई सुविधा नहीं है। आपको बता दें कि 30 सितंबर 1970 को जन्मी दीपा मलिक सोनीपत के भैंसलान गांव की है और हरियाणा खेल विभाग में जूनियर कोच के पद पर कार्यरत हैं।
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