अजमेर । भारत में एक समाज ऐसा भी हे जो दीपावली के दिन श्राद्ध और पिंडदान करता है । गुर्जर समाज के लोग कार्तिक अमावस्या के दिन पितरों का श्राद्ध करते हे । गुर्जर समाज के बुजुर्गों का कहना है कि गुर्जर समाज राम पुत्र लव की संतान है गुर्जर समाज का मानना है कि श्री राम ने 14 साल वनवास से आने के बाद पिता दशरथ का श्राद्ध किया था । इसी परम्परा को हम भी आज तक निभाते आ रहे हे। । अजमेर में यह परिपाटी सदियों से चली आ रही है। दीपावली के एक दिन पूर्व समाज के लोग बाजार के सारे कार्य कर लेते हैं। यहां तक कि कुएं-बावड़ी से पानी भी रात्रि 12 बजे के पूर्व ही भर लेते हैं। इसके लिए रात्रि में ढोल बजाकर समाज को सूचित भी किया जाता है। कहते हे दीपावली के दिन सुबह गुर्जर समाज का कोई भी सदस्य घर से बाहर नहीं निकलता है और पितरों का श्राद्ध करता है। पितरों का तर्पण भी दीपावली की अमावस्या को ही होता है। नवरात्रा के पश्चात् आने वाले श्राद्ध पक्ष से इनका कोई लेना देना नहीं होता उस समय समाज कोई श्राद्ध और पिंडदान नहीं करता दीपावली के दिन सुबह श्राद्ध किया जाता है।
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