जोधपुर । छोटी दिवाली की रात को शहर में यम के नाम दीप जलाये
गए । शास्त्रों के अनुसार दीवाली से पहले दिन भगवान श्रीराम 14 साल का
बनवास काट वापस अयोध्या आए थे। इसके अलावा इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने
नरकासुर राक्षस का वध कर प्राणियों को उसके प्रकोप से मुक्ति दिलाई थी।
इसलिए इस दिन का भी दीवाली वाले दिन की तरह अपना अलग महत्व है। हिन्दू
मान्यताओं में बड़ी दिवाली से पहले छोटी दिवाली को दीप प्रज्ज्वलित कर शुभ
वर्ष की कामना की जाती है ।
इस दिन दीप जलाने से मिलती है पापों से मुक्ति:-
मान्यता है इस रात दिये जलाने से मनुष्य को पापों से मुक्ति
मिलती है । जोधपुर शहर में घर की बहुओं ने दीप जलाकर परम्पराओं का निर्वहन
किया । अर्चना , स्वाति और स्नेहा ने विशेष रूप से पर्यावरण संरक्षण से
जुड़ दीपावली को सार्थक बनाने की पहल की । स्वाति का मत है कि परंपरा को
अपनाकर घर में मिट्टी के लक्ष्मी-गणेश और दिये लाने चाहिए । जहां हम दीवाली
के त्योहार को महत्व देते हैं उसी तरह छोटी दीवाली का भी अपना महत्व है।
छोटी दीवाली के महत्व को देखते हुए हमें अपने घर में पांच दीये जलाने
चाहिए। इस बारे में ज्योतिषाचार्य मनोज मिश्रा ने बताया कि इनमें से एक
दीया घर के पूजा पाठ वाले स्थान, दूसरा रसोई घर में, तीसरा उस जगह जलाना
चाहिए जहां हम पीने का पानी रखते और ऐसा करने से घर में सम्पन्नता आती है ।
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