उदयपुर। मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के तहत उदयपुर के धार्मिक ट्रस्टों एवं संगठनों की संभाग स्तरीय कार्यशाला बुधवार को जिला परिषद सभागार में हुई। अतिरिक्त संभागीय आयुक्त सोमनाथ मिश्रा ने कार्यक्रम को आमजन के कल्याण का प्रतीक बताया और अपील की कि इस कार्य में स्वप्रेरित होकर कार्य को हृदय से अंगीकृत कर मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान से संबंधित जल हवन में अपनी आहुति दें।
देवस्थान विभाग के आयुक्त अशोक यादव ने जल के महत्व को रहीम के दोहे अनुसार व्याख्या करते हुए जल को बचाने का आह्वान किया। कार्यशाला में त्रिपुरा सुंदरी संस्था द्वारा एक लाख रुपए देने की घोषणा की गई। काली कल्याण संस्था शक्तिपीठ के प्रतिनिधि ने समस्त संस्थाओं को एकजुट होकर तालाबों का गहरीकरण में सहयोग करने तथा डूंगरपुर जिले में एक ग्राम को गोद लेने का आग्रह किया।
नारायण सेवा संस्थान के न्यासी प्रशांत अग्रवाल ने धार्मिक संगठनों के पदाधिकारियों का एक-एक ग्राम गोद लेने के लिए आह्वान किया। उन्होंने एक ग्राम को मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के तहत नारायण सेवा संस्थान द्वारा गोद लेकर जल के लिए स्वावलंबी बनाने की घोषणा की। कार्यशाला में धार्मिक ट्रस्टों एवं संगठनों के पदाधिकारियों को मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान की जानकारी दी गई।
उदयपुर जिले में प्रथम चरण में कॉर्पोरेट समूह तथा व्यक्तिगत भामाशाहों द्वारा 127.36 लाख के कार्य तथा 125.89 लाख रुपए नकद जमा कराकर सीएसआर के तहत कार्यों का क्रियान्वयन किया गया। हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड द्वारा राज्य स्तरीय डॉक्यूमेन्ट्री के सृजन के लिए 12 लाख रुपए उपलब्ध कराए हैं। उदयपुर जिले में प्रथम चरण में जिले के 246 ग्रामों का चयन कर जल के लिए आत्मनिर्भर बनाया गया। प्रथम चरण की सफलता के बाद द्वितीय चरण में 236 ग्रामों को दिए जाने का लक्ष्य रखा गया है।
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