वाराणसी।जन्सा क्षेत्र के खेवली गाँव में साहित्यकार, कवि, लेखक और सामजिक
कार्यकर्ता जुटे। वजह थी इस गाँव में ही जन्म लिए समकालीन कविता के स्तम्भ जन कवि
स्व सुदामा पाण्डेय की जयंती। वे अपनी कविताएँ "धूमिल" उपनाम से लिखते
थे। खेवली में सुबह से ही आस पास के गाँव के बच्चे उनके निवास पर एकत्र होने लग
गये थे.श्रम दान द्वारा गाँव में साफ़ सफाई की गयी.वृक्ष धूमिल जयंती समारोह का
आयोजन धूमिल शोध संसथान, विवेकानंद काशी जन कल्याण समिति, साझा संस्कृति मंच, आशा ट्रस्ट, लोक समिति, धूमिल जन संपर्क
समिति और स्थानीय निवासियों द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था। धूमिल जयंती पर
खेवली भतसार गांव में आशा ट्रस्ट और लोक समिति द्वारा संचालित सिलाई कढ़ाई
प्रशिक्षण केंद्र पर बालिका महोत्सव का आयोजन किया गया। गांव की लड़कियों ने कन्या भ्रूण हत्या,यौन उत्पीड़न,दहेज़,बाल विवाह आदि के
खिलाफ जोरदार रैली निकाली। रैली को जिला पंचायत सदस्य मंजू देवी और खेवली की
ग्रामप्रधान राजकुमारी ने हरी झंडी दिखाई।रैली में शामिल लड़कियां तिलक दहेज़ छोडो
जाती पाती तोड़ो,भीख नही अधिकर चाहिए जीने का सम्मान चाहिए,औरत भी जिन्दा इंसान
नही भोग की वह सामान,कन्या भ्रूण हत्या बंद करो,का नारे और पोस्टर के माध्यम से लोगों को
जागरूक किया। बालिका महोत्सव में किशोरी सिलाई केंद्र,क़िशोरी समूह की
लड़कियों ने अपने अपने विचार रखे,और गीत संगीत,नाटक,भाषण,व सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से महिला और बाल अधिकार का
कानून पर लोगों को जागरूक किया।
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