देश के सबसे धनी मंदिर आंध्र प्रदेश के तिरूमाला तिरूपति देवस्थानम
(टीटीडी) के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि टीटीडी इन नोटों को बैंक में
जमा कर रहा है, क्योंकि सरकार पहले ही स्पष्ट कह चुकी है कि भक्तों द्वारा
मंदिरों में जमा कराई राशि पर कर नहीं लगाया जाएगा।
मंदिर के अधिकारी ने कहा, नोटबंदी से पहले ही इस वित्त वर्ष में कुल राजस्व
2,600 करोड रूपये में से हुंडी संग्रह से करीब एक हजार करोड रूपये (146
करोड डॉलर) आने की उम्मीद थी। यह लक्ष्य नोटबंदी से पार होने की संभावना
है। विजयव़ाडा के प्रसिद्ध दुर्गा मंदिर में हुंडी दान में नोटबंदी से एक
करोड रूपये से ज्यादा वृद्धि हुई है। मंदिर ने 289 करोड रूपये मौजूदा महीने
में प्राप्त किए हैं, यह सामान्य संग्रह से पहले ही एक करोड रूपये ज्यादा
है। इसमें एक हजार रूपये के 2,941 और 500 के 15,723 नोट शामिल हैं। भक्तों
ने 2,000 रूपये के 48 नए नोट हुंडियों में डाले हैं।
चेन्नई के टीटीडी मंदिर में भी हुंडी प्रस्ताव में अचानक भारी वृद्धि देखी
गई। एक अधिकारी ने कहा कि सामान्य हुंडी संग्रह हर महीने करीब एक करो़ड
रूपये है, लेकिन नोटबंदी के बाद दानपात्रों में कई बंडल 500 और 1,000 रूपये
के नोट के मिलने से यह संग्रह दो करोड रूपये से ज्यादा हो गया है। मंदिर
ने लोगों को नोटबंदी के नोटों को नहीं दान करने के लिए कोई नोटिस नहीं दिया
है।
कुछ बडे मंदिरों ने भक्तों से कहा है कि वे पुराने नोट दान बक्सों में नहीं
डालें। इस्कान के वी एन दास ने कहा, हम चैरिटेबल ट्रस्ट हैं, हम दस्तावेजी
दान के लिए स्पष्ट तौर पर पुराने नोट नहीं ले रहे हैं। और किसी को भी
दानपात्रों में पुराने नोट डालने की अनुमति नहीं दे रहे हैं। इसका कडाई से
पालन किया जा रहा है।
स्वर्ण मंदिर सहित पंजाब के गुरूद्वारों के प्रबंधक, शिरोमणि गुरूद्वारा
प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने 500 और 1,000 रूपये के नोटों को 10 नवंबर से
स्वीकार करने से मना कर दिया है।
(आईएएनएस)
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