नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा 500 और 1,000 रूपए के नोट बंद करने के
फैसले का असर सीधे तौर पर दिखने लगा है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ)
ने वित्त वर्ष 2016-17 के लिए भारत की वृद्धि-दर के धीमा होकर 6.6 प्रतिशत
रहने का अनुमान लगाया है।
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इस अनुमान के पीछे नोटबंदी के द्वारा पैदा हुई
तकलीफों को वजह बताया है।
नोटबंदी के फैसले पर अर्थशासि्त्रयों ने मुश्किल बढने की आशंका जताई थी।
बैंकों के एनपीए या फिर बैड लोन्स बीते साल (दिसंबर 2016) के लिए अब 56.4
फीसदी पर आ गए हैं।
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