जयपुर। दिल्ली में प्रदूषण पिछले 17 साल के सबसे खतरनाक स्तर पर है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने इस पर केंद्र और दिल्ली सरकार को जमकर फटकारा। इस बीच, दिल्ली सरकार ने एनजीटी के सामने दलील दी कि राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने से दिल्ली में हवा की गुणवत्ता प्रभावित हुई है। इस पर ट्रिब्यूनल ने कहा कि इन दिनों हवा तो चल नहीं रही। ऐसे में इन राज्यों से धुआं दिल्ली नहीं आ सकता है। ट्रिब्यूनल ने कहा कि प्रदूषण रोकने के ठोस कदम उठाने के बजाय दोनों सरकारें एक-दूसरे पर जिम्मेदारी थोप रही हैं। सोचिए, हम अपने बच्चों को कितना खौफनाक भविष्य दे रहे हैं। बता दें कि हकीकत यह है कि राजस्थान से दिल्ली में नहीं, बल्कि दिल्ली से प्रदूषण राजस्थान आ रहा है। जिन वाहनों को दिल्ली सरकार ने रिजेक्ट किया, उन्हीं का प्रदेश के सीमावर्ती आरटीओ-डीटीओ ऑफिसों में धड़ल्ले से रजिस्ट्रेशन हो रहा है। दिल्ली में एयर पॉल्यूशन की मात्रा अधिक होने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली एनसीआर में तीन साल पहले यूरो-3 के वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर पाबंदी लगा दी थी, लेकिन राजस्थान के सीमावर्ती आरटीओ-डीटीओ ऑफिसों में इन वाहनों का धड़ल्ले से रजिस्ट्रेशन हो रहा है। प्रदेश में वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इससे एयर पॉल्यूशन में बढ़ोतरी हो रही है। राज्य सरकार इसे रोकने में नाकाम साबित हो रही है। सबसे अधिक यूरो-3 वाहनों का रजिस्ट्रेशन कोटपूतली, दौसा, शाहपुरा, और जयपुर आरटीओ-डीटीओ ऑफिसों में हो रहा है।
प्रदेश में आकर फैला रहे प्रदूषण
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