नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार को करारा झटका देते हुए नर्सरी दाखिले पर जारी किए गए आदेश पर रोक लगा दी है। दिल्ली सरकार ने अपने आदेश में निजी स्कूलों को ‘नेबरहुड क्राइटेरिया’ अर्थात स्कूल के नजदीक रहने वाले बच्चों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए थे। हाईकोर्ट ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार का यह आदेश अभिभावकों से उनके अपनी पसंद के स्कूल में दाखिला के अधिकारों छीनता है, लिहाजा इसे रद्द किया जाता है। हाईकोर्ट ने कहा कि गुणात्मक शिक्षा के नाम पर सरकार निजी स्कूलों के साथ मनमानी नहीं कर सकती है।
दिल्ली सरकार ने कहा था कि जो स्कूल डीडीए से जमीन लेकर बने हैं, उनके लिए यह आदेश मानना बाध्यकारी है। केजरीवाल के सरकार के इस आदेश को निजी स्कूलों ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। दिल्ली सरकार के इस आदेश से तकरीबन 298 निजी स्कूलें प्रभावित हो रही थीं। स्कूलों का कहना है कि जब डीडीए ने जमीन दी थी तब इस तरह की कोई शर्त नहीं रखी गई थी। स्कूलों की एक्शन कमेटी का कहना था कि उनके हितों को नुकसान नहीं होना चाहिए और सरकार को छात्रों के बीच कोई भेदभाव नहीं करना चाहिए। बच्चे के माता-पिता के पास यह अधिकार होना चाहिए कि वे अपने बच्चे को किस स्कूल में पढ़ाये।
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