नई दिल्ली। भारत की सैन्य तैयारियों को दुरुस्त करने के लिए रक्षा अधिग्रहण परिषद ने 82 हजार करोड़ रुपये के रक्षा सौदों को मंजूरी दे दी है। इसमें लड़ाकू विमान, टैंक, रॉकेट और ड्रोन की खरीद शामिल है। इसके साथ ही रक्षा सौदों में गड़बड़ी करने वाली कंपनियों को काली सूची में डाले जाने की नीति में बदलाव किया गया है। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की अध्यक्षता में सोमवार को हुई डीएसी की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। परिषद ने वायुसेना के लिए देश में ही बनने वाले नई पीढ़ी के 83 तेजस विमानों की खरीद को मंजूरी प्रदान कर दी है। इन विमानों की कुल कीमत 50025 करोड़ होगी। इसके अलावा सेना एवं वायुसेना के लिए 15 हल्के लड़ाकू विमानों की खरीद को स्वीकार किया है। जिसकी लागत 2911 करोड़ रुपये होगी। परिषद ने मूल रूप से रूस में विकसित हुए टी-90 टैंकों के अधिग्रहण को भी मंजूरी दी है। लेकिन इस बार टैंक रूस से नहीं खरीदे जाएंगे बल्कि, भारत में ही आर्डिर्नेस फैक्टरियों में इनका निर्माण किया जाएगा। इन पर 13448 करोड़ रुपये खर्च होंगे। परिषद ने सैन्य बलों के लिए 598 करोड़ रुपये के छोटे यूएवी खरीदने को मंजूरी प्रदान कर दी है। इसकी कीमत करीब 1100 करोड़ रुपये होगी।
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