अजमेर। आज हर कोई बेटे की चाह में ना जाने कितनी बेटियों की गर्भ में ही हत्या कर देते हैं। लेकिन वास्तव में समाज की हकीकत ये है कि बेटे जरूर माता पिता को दुखों की घड़ी में मरता हुआ छोड़कर चला जाता है। लेकिन बेटियां हर कदम पर मां बाप के साथ खड़ी नजर आती है। फिर चाहे कैसी भी घड़ी क्यूं ना हो। जबकि आज बेटियां हर मामले में बेटों के मुकाबले बेहतर करती नजर आती है और कंधे से कंधा मिलाकर काम करती है। चाहे किसी भी मामले में क्यूं ना लें लें। ऐसा ही देखा गया अजमेर में। जहां परिवार में बेटा नहीं होने के बाद बेटियों ने ही अपनी मां को कंधा देकर मुखाग्नि दी। [@ अमेरिका के 911 की तर्ज पर बना डायल 100 कैसे काम करेगा...जानिए इसकी टेक्नोलॉजी]
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