हरियाणा की मिट्टी से जुड़ी कहानी पर बनी फिल्म की सफलता ने राज्य
के लोगों की उम्मीदें और बढ़ा दी हैं। हाल ही मनोहर सरकार ने हरियाणा फिल्म
प्रोत्साहन बोर्ड का गठन किया है। बोर्ड अगले कुछ दिनों में अपनी फिल्म
नीति तैयार कर लेगा। बोर्ड बनाने के मुद्दे पर हुड्डा सरकार के दौरान भी
विचार-विमर्श किया गया था, लेकिन किन्हीं कारणों से मामला सिरे नहीं चढ़
पाया था। तब भी हास्य कलाकार सतीश कौशिक को बोर्ड का उपाध्यक्ष बनाने का
फैसला किया गया था और अब भाजपा सरकार में गठित बोर्ड में भी कौशिक को यही
पद दिया गया है। [@ छेड़छाड़ का विरोध करने पर महिला को सरेआम पीटा, वीडियो वायरल]
मुंबई में रह रहे कौशिक हरियाणा में महेंद्रगढ़
जिले के रहने वाले हैं और बहुत-सी फिल्मों में उन्होंने हरियाणवी बोली का
इस्तेमाल करते हुए अपने अभिनय से लोगों को प्रभावित किया है। बोर्ड के गठन
की चर्चाओं के दौरान कौशिक ने कहा था कि उनकी इच्छा पांच हरियाणवी फिल्में
बनाने की है। अब बोर्ड का गठन हो चुका है और हरियाणवी पृष्ठभूमि पर बनी
‘दंगल’ को बड़ी कामयाबी मिलने के आसार हैं। ऐसे में उम्मीद है कि कौशिक
हरियाणवी पृष्ठभूमि पर फिल्में बनाने की अपनी योजना को आगे बढ़ाएंगे।
कई
फिल्मों में खलनायक के तौर पर जबर्दस्त भूमिका निभा चुके यशपाल शर्मा के
बारे में कहा जा रहा है कि उनका इरादा सांग विधा को लोकप्रियता की
बुलंदियों पर पहुंचाने वाले लोक कलाकार पंडित लखमीचंद के जीवन पर फिल्म
बनाने का है। हरियाणा के लोगों में पंडित लखमीचंद को ले कर बड़ा श्रद्धाभाव
है। फिल्मों में अभिनय के लिए मुंबई चले गए मूल रूप से हिसार के रहने वाले
यशपाल शर्मा इन दिनों लखमीचंद के जीवन पर रिसर्च करवा रहे हैं। यह तो अभी
साफ नहीं है कि लखमीचंद पर फिल्म निर्माण कब शुरु किया जा सकेगा, लेकिन
इतना जरूर कहा जा रहा है कि इस फिल्म का दर्शकों को इंतजार रहेगा। बहरहाल,
‘दंगल’ से हरियाणा को नई पहचान मिलने का जो सिलसिला शुरु हुआ है, वह आगे भी
इसी तरह जारी रहेगा।
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