नई दिल्ली। करीब103 अरब डालर के टाटा समूह के चेयरमैन पद से हटाए गए साइरस
मिस्त्री ने रतन टाटा के साथ किसी समक्षौते की संभावना को खारिज किया है।
मंगलवार को ही मिस्त्री ने नेेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्युनल में कंपनीज एक्ट की
धारा 241 के तहत केस दायर किया है जिसपर 22 दिसंबर को सुनवाई होगी।
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एक साक्षात्कार में मिस्त्री ने कहा कि उनकी लडाई टाटा समूह के साथ संचालन
के बडे मुद्दे को लेकर है और वे इसे समूह में अपने परिवार की 18.5 प्रतिशत
हिस्सेदारी को छोडे बिना ही लडेंगे। मिस्त्री ने कहा, मैं इसके लिए लडूंगा,
मैं इसके लिए लडा हूं हम 50 साल से यहां हैं,कोई एक दिन या दो दिन से
नहीं।
मिस्त्री ने सोमवार को टाटा समूह की छह कंपनियों के निदेशक मंडलों से हटने
की घोषणा की थी और कहा कि वह टाटा के खिलाफ अपनी लडाई अदालतों में ले
जाएंगे। उन्होंने कहा, यह किसी कारोबारी समूह की लडाई नहीं है। यह वैसी चीज
नहीं है। अगर ऎसी बात होती तो मैं पद पर बना रहता। इसलिए मैं पद से हटा
हूं क्योंकि मैं यह कोई पद या ताकत के लिए नहीं कर रहा हूं। इन कंपनियों के
निदेशक मंडल की असाधारण आम बैठकें होनी थीं जिनमें स्त्री को निदेशक मंडल
से हटाने के प्रस्ताव पर फैसला किया जाना था।
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