नई दिल्ली। टाटा समूह में सबसे बड़ी हिस्सेदारी रखने वाली बेहद शक्तिशाली, लेकिन लो-प्रोफाइल चैरिटेबल ट्रस्ट के ट्रस्टी वीआर मेहता का कहना है कि साइरस मिस्त्री को टाटा सन्स के चेयरमैन पद से हटाए जाने के पीछे की अहम वजह समूह का लचर वित्तीय प्रदर्शन था। मेहता ‘सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट’ के सदस्य हैं, जिसके पास इस विशाल समूह के 60 फीसदी शेयर हैं और इससे समूह के संचालन में इनकी राय काफी अहम हो जाती है।
किसी मौजूदा टाटा ट्रस्टी द्वारा दिए गए पहले एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में मेहता ने न्यूज चैनल एनडीटीवी से कहा कि मिस्त्री की अध्यक्षता के दौरान पूरा समूह केवल दो कंपनियों- टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और जैगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) पर ही आश्रित हो गया था। इसके बाद टाटा समूह से जुड़े ट्रस्टों की परोपकारी गतिविधियों को कम कर दिया गया, जो कि उन्हें मंजूर नहीं।
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