जयपुर। अलवर अरबन कोऑपरेटिव बैंक में हुए 16 करोड़ के गबन मामले में एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। आरोपियों ने 400 अनजान लोगों की फोटो गूगल से लेकर इनका उपयोग फर्जी पेन कार्ड बनाने में किया। फिर इनके जरिए 92 खाते खोलकर 8.28 करोड़ रुपए का लोन भी उठा लिया। आरोपियों से पूछताछ के बाद एसओजी ने बुधवार देर रात दिल्ली से चार्टर्ड अकाउंटेंट आशीष गुप्ता को गिरफ्तार किया। आशीष की मदद से ही इन लोगों ने फर्जी पेन कार्ड बनाए। इस मामले में अब तक बैंक के चेयरमैन, सीईओ व डायरेक्टर सहित 6 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। एसओजी के अलावा सीबीआई और ईडी भी इसकी जांच कर रही है। एसओजी की जांच में सामने आया है कि आरोपियों के पास मिले और बैंक से जब्त किए गए दस्तावेज की जांच की गई तो खुलासा हुआ कि बैंक ने जिन व्यक्तियों को लोन दिया है, उस पते पर उस नाम का कोई व्यक्ति रहता ही नहीं है। आरोपियों ने लोन के लिए जो संपत्ति कागजों में दिखाकर बैंक में गिरवी रखी थी, वे प्लॉट व जमीन भी किसी और व्यक्ति की ही थी। सीए आशीष ने बताया कि गबन के मास्टर माइंड और मुंबई के एक कोऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन अभिषेक ने उसको बैंक में 50 हजार रुपए प्रति माह सैलेरी पर रखा था और लोन लेने के लिए पेन कार्ड बनाने को कहा था। इसके बाद आशीष ने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर इंटरनेट व गूगल से अनजान लोगों के करीब 400 फोटो जुटाए। इन्हें फर्जी पेन कार्ड बनाने में किया गया। आरोपियों ने इन फोटो को किसी अन्य के पेन कार्ड पर लगाया और उस पेन कार्ड पर नाम व पता बदलकर उसकी फोटो कॉपियां कर बैंक में पेश की। गौरतलब है कि एसओजी ने पिछले सप्ताह बैंक में हुए 16 करोड़ रुपए के गबन का खुलासा कर मास्टर माइंड अभिषेक जोशी, बैंक के सीईओ महेश मुद्गल, चेयरमैन और अभिषेक का भाई मृदुल जोशी व उनके पिता डायरेक्टर अशोक जोशी और पूर्व चेयरमैन ओमप्रकाश सैनी को गिरफ्तार किया था। बोर्ड में ज्यादातर मैंबर व डायरेक्टर भी अभिषेक के परिजन व रिश्तेदार थे। एसओजी ने उनकी भूमिका भी संदिग्ध मानी है। ऐसे में एसओजी के अधिकारी अन्य आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर सकती है। वहीं, आरोपियों ने गबन करने के लिए बैंक में गोल्ड योजना शुरू कर दी। अभिषेक ने सीईओ व अन्य आरोपियों के साथ मिलकर 7 खातों में 63 लाख रुपए का गोल्ड लोन दे दिया। सभी को 9-9 लाख रुपए दिए गए, जबकि लोन लेने वाले व्यक्ति से गोल्ड गिरवी ही नहीं रखवाया। अभिषेक ने कई खातों धारकों को चुप कराने के लिए सोने की चेन व अंगूठियां दीं। एसओजी के एसपी संजय श्रोत्रिय व जांच अधिकारी ललित शर्मा ने बताया कि जिस भी खाता धारक को चेयरमैन मृदुल जोशी व सीईओ महेश मुद्गल के कारनामों की भनक लगी, उन तक अभिषेक ने सोने के आभूषण पहुंचाए। अभिषेक ने महेश मुद्गल के साथ मिलकर पूर्व चेयरमैन ओमप्रकाश सैनी से बैंक खरीदा था। इसके बाद चेयरमैन अभिषेक ने भाई मृदुल को बनाया। रिश्तेदार व परिजनों को डायरेक्टर बना दिया। बोर्ड में वोट लेने के लिए अभिषेक ने कई जनों को करोड़ों का लोन दिया। बैंककर्मी रिकवरी करने जाते तो अभिषेक वापस बुला लेता।
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