फतेहाबाद। भारत की कम्यूनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी) नोटबंदी से हुई मंदी, रोजगार हानि व मौतों के लिए मुआवजा, किसान-मजदूरों का कर्जा माफ, गेहूं पर हटाया गया आयात शुल्क का फैसला वापस लेने, बिना किसान की सहमति के भूमि अधिग्रहण किए जाने का राज्य सरकार का प्रस्ताव रद्द करने, मनरेगा दिहाड़ी साल में 200 दिन देने, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने व समान काम के लिए सभी को समान वेतन देने जैसे मुद्दों को लेकर प्रदेशभर में जनजागृति अभियान चलाएगी व आक्रोश प्रदर्शन किए जाएंगे। [@ पीएमओ भी जाती हैं हजारों की संख्या में प्रदेश से शिकायतें]
यह बात माकपा के पूर्व राज्य सचिव का. इन्द्रजीत सिंह ने शुक्रवार को जिला कमेटी की मीटिंग को संबोधित करते हुए कही। सिंह ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा नोटबंदी से हुए नुकसान, किसान, मजदूर, आम दुकानदार, छोटे कारोबारी व कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ जनता में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। जनसमस्याओं का समाधान करवाने में मोदी व मनोहर लाल सरकार असफल रही है।
इसके खिलाफ माकपा द्वारा प्रदेशभर में जागरूकता अभियान चलाते हुए रोष मार्च किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि मोदी का यह कहना कि नोटबंदी से कालाधन बाहर आ जाएगा, आतंकवाद पर रोक लगेगी तथा भ्रष्टाचार व नकली नोटों की समस्या खत्म हो जाएगी, बिलकुल गलत साबित हुए हैं।
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