नई दिल्ली। हाल ही जारी दो हजार और पांच सौ रूपये के नए नोट में देवनागरी
लिपि के प्रयोग की संवैधानिक वैधता को भाकपा के एक नेता ने सुप्रीमकोर्ट
में चुनौती दी है। याचिका में दावा किया गया है कि यह लिपि अनुच्छेद 343
(1) के विपरीत है। यह अनुच्छेद संघ की राज भाषा के बारे में है।
भाकपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य बिनय विस्वम ने अनुच्छेद 32 के
तहत शुक्रवार को ये याचिका दायर की। इस पर केंद्र की नोटबंदी मुहिम के
खिलाफ दायर अन्य याचिकाओं के साथ 25 नवम्बर को सुनवाई हो सकती है।
उन्होंने एक बयान में कहा,बैंक का नोट देश की अर्थव्यवस्था का प्रतीक होता
है और सांविधानिक सभा में चर्चाओं के बाद निर्णय किया गया था कि इनमें
इस्तेमाल होने वाली संख्या अंतरराष्ट्रीय स्वरूप में होंगी और इसलिए
अनुच्छेद में वर्तमान शब्द के मुताबिक शब्दों को रखा गया है।
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