अदालत ने कहा, मेरा मानना है कि आरोप तय किए जाने के चरण में आरोपियों को
सुनने का कोई आधार नहीं बनता, आवेदन विचार योग्य नहीं है, यह दुभार्वना से
प्रेरित है और मुकदमे को बाधित करने के नजरिए से दायर किया गया है ।
तदनुसार, आरोपी लोगों द्वारा दायर किया गया आवेदन खारिज किया जाता है।
आरोपियों ने पिछले साल 24 अक्टूबर को याचिका दायर कर आग्रह किया था कि
आपराधिक मानहानि शिकायत पर उन पर मुकदमा चलाने के किसी फैसले से पहले उनका
पक्ष सुना जाना चाहिए। जेटली के वकील ने अदालत से कहा कि कानून में इस तरह
का कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए जाने का
आग्रह किया।
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