रोहतक। जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान वित्तमंत्री कै. अभिमन्यु के आवास और सर्किट हाऊस में आगजनी और तोडफोड के मामले में शुक्रवार को रोहतक कोर्ट में सुनवाई हुई। सीबीआई कोर्ट में केस की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल नहीं कर पाई और कोर्ट से कुछ ओर वक्त देने की गुजारिश की। बचाव पक्ष की कडी आपत्ति के बावजूद कोर्ट ने एक बार फिर से इस केस की सुनवाई के लिए अगली तारिख मुकर्रर कर दी। केस में अगली सुनवाई 13 दिसम्बर को होगी और उसी दिन 12 आरोपियों की जमानत याचिका पर भी कोर्ट में सुनवाई होगी। फिलहाल इन तीनों मामलों की जांच सीबीआई कर रही है और सभी मामलों को रोहतक कोर्ट से पंचकुला की सीबीआई कोर्ट में ट्रांसफर करने की सीबीआई टीम की अर्जी पर सुनवाई चल रही है। हिंसक जाट आरक्षण आंदोलन के तीन मामलों की जांच कर रही सीबीआई की टीम शुक्रवार को एक बार फिर कोर्ट में खाली हाथ पहुंची। पिछली तारीख पर कोर्ट ने सीबीआई को 30 दिन का वक्त देते हुए अभी तक की जांच की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए थे। साथ ही केस को रोहतक कोर्ट से पंचकुला की सीबीआई अदालत में ट्रांसफर कराने के लिए हाईकोर्ट में अर्जी लगाने के निर्देश दिए थे। लेकिन सीबीआई आज न तो स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर पाई और न ही अभी तक हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की गई। सीबीआई के अधिकारियों की तरफ से कोर्ट से कुछ ओर मांगा गया, जिस पर बचाव पक्ष की तरफ से आपत्ति दर्ज कराई गई। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 13 दिसम्बर के लिए केस की अगली सुनवाई निश्चित कर दी। बचाव पक्ष के वकील प्रदीप मलिक ने बताया कि सीबीआई तीन बार समय मांग चुकी है और इस पर हमने कड़ी आपत्ति जताई, कोर्ट ने भी सीबीआई को साफ निर्देश दिए कि अगली तारिख पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल नहीं की गई तो केस की प्रोसेडिंग शुरू कर दी जाएगी।
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