बाडमेर। लोकसभा सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी ने मंगलवार के संसद के शीतकालील सत्र में नियम 377 के तहत प्रधानमन्त्री एवं रेल्वे मन्त्री का ध्यान आकर्षित कर क्षैत्रिय जनता की मांग के रखते हुए कहा कि मैं जिस क्षेत्र से प्रतिनिधित्व करता हूं, वह अभावग्रस्त एवं मरूस्थलीय क्षेत्र है। अब तक लोग जीवनोपार्जन के लिए मजदुरी एवं व्यापार हेतु दक्षिणी एवं उतरी भारत कि महानगरों पर निर्भर थे और कई तो वहां के स्थाई निवासी भी हो गये है। सभी जानते है कि मारवाडी समुचे हिन्दुस्तान नहीं अपितु विश्व में छाये हुए है। परन्तु अभी भी सांस्कृतिक परम्पराओं एवं संस्कारों के कारण अपनी जन्म भूमि से जुडे है।
आजादी के 65 वर्षो बाद भी कुदरत ने यहां के लोगों पर रहम खाया है। यहॉ अब प्रचुर मात्रा में प्राकृतिक सम्पदा के रूप में तेल, कोयला, लिग्नाईट, स्टील बेस लाईम,बेटोनाईट जिम्सम एवं ग्रेनाईट का भण्डार मिला है। इसी वजह से यहॉ भी औद्यागिक ईकाईया स्थापित हो रही है। बाडमेर औद्योगिक रूप में विष्व पटल पर उभर रहा है एवं जैसलमेर पर्यटन के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है। सीमा से सटे होने के कारण एयर फोर्स ,आर्मी एवं बीएसएफ के जवानों के आवागमन भी इसी क्षेत्र में होता रहा है। इन सब के ध्यान में रखा जाये जो इस क्षेत्र में रेलवे की सुविधाए नाम मात्र की है। दक्षिणी व उतरी भारत के रेल सेवाओं से सीधा जोडने बाडमेर एवं जैसलमेर से जोडा जावे ताकि लोगों के आवागमन में सुविधा हो और व्यापारियों के माल ट्रांसपोर्टेषन में भी पैसा एवं समय दोनों की बचत होगी। जोधपुर रेल्वे मुख्यालय पर जमीन की कमी होने के कारण यहॉ यात्री रेल गाडियों के रोकने उनकी सफाई एवं मेन्टनेन्स करने के परेषानी आ रही हे। ऐसी स्थिति में बाडमेर में जहॉ पर्याप्त मात्रा में रेल्वे के पास भूमि उपलब्ध हैं वहा लोको सेड एवं पार्किग का निर्माण करवा जाये तो कई गाडियॉ के बाडमेर रोका जा सकता है।
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