राजसमंद। कुंवारिया थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत फियावड़ी के पदमपुरा गांव में श्मशान के रास्ते पर लम्बे समय से कुछ लोगों द्वारा कब्जा कर बंद कर देने से लोग काफी परेशान हैं। शुक्रवार को एक दलित परिवार ने एक व्यक्ति के शव को गांव के चारागाह में दफना दिया। इससे ग्रामीणों में विवाद उपज गया। गांव के कुछ लोगों ने शव को चारागाह में नहीं दफना कर उसे श्मशान में ले जाने की सलाह दी परन्तु, समाज के लोगों ने ग्रामीणों की बात नहीं मानी और शव को चारागाह भूमि पर ही दफना दिया। ग्रामीणों ने पंचायत प्रशासन को सूचित किया। इस पर फियावड़ी पंचायत के सरपंच रोशनलाल भील, सचिव दिनेश पुरी गोस्वामी व पटवारी तनसुख लक्षकार मौके पर पहुंचे और दलित समाज के लोगों को समझाया लेकिन, वे नहीं माने। उन्होंने आनन-फानन में शव को पंचायत प्रशासन के सामने ही चारागाह में दफना दिया। मामला बढ़ता देख कुंवारिया पुलिस और राजसमंद तहसीलदार को सूचना दी गई। इस पर राजसमंद के तहसीलदार गजानन्द जांगिड़, नायब तहसीलदार हीरालाल मीणा व कुंवारिया थानाधिकारी राकेश जोशी मय जाप्ता मौके पर पहुंचे और चारागाह में शव दफनाने वाले परिवार के सदस्यों को समझाया एवं भविष्य में चारागाह जमीन पर सरकार की बिना अनुमति के कुछ भी कार्य करने को मना किया। तब जाकर ग्रामीण माने। दलित समाज के शोभालाल बैरवा ने बताया कि श्मसान का रास्ता बंद होने से शव को चारागाह में दफनाया गया था। रास्तेे के विवाद को लेकर प्रशासन कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा है। इस विवाद हो लेकर करीब तीन-चार बार पहले भी प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर पहुच समझाइश कर चुके हैं लेकिन, समस्या का स्थाई समाधान नहीं हुआ है। गांव के रमेशचन्द्र शर्मा ने बताया कि पदमपुरा गांव में श्मशान के बंद रास्ते को लेकर वर्ष 2011 से गांव में विवाद चल रहा है। गांव में जब भी कोई मौत होती है तो हर बार शव का अंतिम संस्कार करवाने के लिए पुलिस प्रशासन का घंटों इन्तजार करना पड़ता है। ग्रामीणों एवं प्रशासन के बीच श्मशान के बंद रास्ते को खुलवाने के लिए गांव के चारभुजा मंदिर पर 5 घंटे तक रास्ता बंद करने वाले विपक्षी लोगों के बीच वार्तालाप हुई। तहसीलदार ने रास्ता बंद करने वाले व्यक्ति चतरू गाडरी को भी खूब समझाया लेकिन, वह टस से मस नहीं हुआ। चतरू गाडरी ने कहा कि इस विवाद में मेरे & लाख रुपए खर्च हुए हैं। गांव वाले यदि खर्चा दे दें तो मैं श्मशान का रास्ता खोल देता हूं। इस पर ग्रामीण बोले कि हम गांव वालों ने तो रास्ते के विवाद को लेकर सरकार के समक्ष आपके खिलाफ कोई शिकायत नहीं की है हम किस बात के पैसै दें। इस बारे में राजसमंद के उपखंड अधिकारी राजेन्द्र प्रसाद अग्रवाल ने कहा कि पदमपुरा गांव में श्मशान के रास्ते को लेकर विवाद न्यायालय में विचाराधीन है। इसका एक सप्ताह के दौरान समाधान कराया जाएगा। [@ यहां अंतिम विश्राम के लिए भी नहीं मिलती जगह] [@ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
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