पंचकूला। पंचकूला ग्रामीण पूर्ण रूप् से खुले में शौचमुक्त हो चुका है। लोगों ने शौचालय निर्माण में जालीदार सोखते गड्डे का निर्माण करवाया है। इन सोखते गड्डों के भर जाने पर मानव मल खाद में परिवर्तित हो जात है तथा उसमें किसी प्रकार की बदबू नहीं आती। इसी दिशा में जिला प्रशासन द्वारा लोगों को अपने घर में शौचालय निर्माण करते समय पक्के गड्डे की बजाए लिच पिट बनाने के लिए जागरुक किया जा रहा है। इस कड़ी में वीरवार को पंचकूला की अतिरिक्त उपायुक्त हेमा शर्मा ने मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी नम्रता मेहता के साथ गांव हंगोली का दौरा किया जहां पर उन्होंने गांव में सबसे पहले लिचपिट के माध्यम से शौचालय निर्माण करने वाले बचना राम के खड्डे का निरीक्षण किया और गांव के अन्य लोगों को भी उनसे प्रेरणा लेकर सोखता खड्डा बनवाने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि इस खड्डे से किसी प्रकार का प्रदूषण नहीं फैलता और इसे बहुत ही कम दाम में बनाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस खड्डे का फायदा यह है कि खड्डे में छह से सात साल बाद जो जैविक खाद तैयार होती है, उसे हम प्रयोग में ला सकते हैं।इस बारे में बचना राम ने बताया कि उन्होंने सबसे पहले गांव में शौचालय बनवाया था और शौचालय बनवाते समय उनके मन में खयाल आया कि क्यूं न पक्के खड्डे बनवाने की बजाए सोखता खड्डा बनवाया जाए क्योंकि पक्के खड्डों से काफी बदबू आती थी। इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त हेमा शर्मा, मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी तम्रता मेहता, गांव की सरपंच निशु सहित गांव के पंचों और अन्य गांव वासियों ने खाद को अपने हाथ से चैक किया। [ श्याम मसाले ने कराई घर घर में मौजूदगी दर्ज] [ यहां सुहाग उजड़ने के भय से करवा चौथ का व्रत नहीं] [ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
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