झज्जर । बोलना एक कला है और निरंतर अभ्यास से इसे निखारा जा सकता है। अच्छा वक्ता बनने के लिए आत्मविश्वास, विषय का समुचित ज्ञान और सही उच्चारण होना आवश्यक है। ये विचार शहर के राजकीय स्नातकोत्तर नेहरु महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. रविकिरण मदान ने राष्ट्रीय एकता सप्ताह के अंतिम दिन भाषण प्रतियोगिता के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि सिर्फ बोलना ही पर्याप्त नहीं है बल्कि उच्चारित शब्दों के अनुरूप भाव.भंगिमा और श्रोताओं के साथ नेत्र स पर्क भी आवश्यक है। विद्यार्थियों को चाहिए कि वे अपनी झिझक दूर करें और आइने के सामने बोलने का अ यास करें। डॉ. मदान ने विद्यार्थियों को वाक् कला के टिप्स देते हुए बताया कि दिमाग में आने वाले विचारों का वाणी के साथ तालमेल होना चाहिए। महाविद्यालय में आयोजित भाषण प्रतियोगिता का विषय राष्ट्रीयता, अखंडता और सुरक्षा था प्रतियोगिता में बीए तृतीय वर्ष के छात्र संदीप मोर ने पहला, बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा नवीता ने दूसरा तथा बीए प्रथम वर्ष की छात्रा ज्योति ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। डॉ. अमित भारद्वाज, डॉ. किरण शर्मा और डॉ. राजपाल ने प्रतियोगिता का निर्णय किया। महाविद्यालय की प्राचार्या रणजीत मदान ने राष्ट्रीय एकता सप्ताह के दौरान साहित्यिक और सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं के सफल आयोजन पर सभी प्रभारी प्राध्यापकों को बधाई दी।
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