शिमला। राज्यपाल आचार्य देवव्रत से राजभवन में 133 इन्फेंटरी बटालियन (प्रादेशिक सेना) पर्यावरण (डोगरा) के कमांडर अधिकारी कर्नल बीएस नगियाल ने अन्य वरिष्ठ अधिकारियों सहित भेंट की। उन्होंने राज्यपाल को गत 10 वर्षों के दौरान विकृत भूमि पर वनीकरण में यूनिट की उपलब्धियों के बारे अवगत करवाया। उन्होंने राज्यपाल को इकाई का स्मृतिचिन्ह भी भेंट किया। राज्यपाल ने राज्य विशेषकर सतलुज तथा ब्यास नदियों के जलग्रहण क्षेत्र में हरित आवरण में सुधार के लिए प्रादेशिक सेना के प्रयासों की सराहना की और राज्य में यूनिट की गतिविधियों व उपलब्धियों पर सन्तोष जाहिर किया। आचार्य देवव्रत ने कहा कि बटालियन इस वर्ष अपनी स्थापना की 10वीं वर्षगांठ मना रही है और 10 वर्षों में 32 लाख से अधिक पौधों का रोपण कर एक महान कार्य किया है। [# ये बच्चे बंद आंखों से पढते हैं,सूंघकर बताते हैं रंग] [# अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
उन्होंने कहा कि इस प्रकार की गतिविधियां राज्य के हरित आवरण में वृद्धि तथा पारिस्थितिकीय गतिविधियों को प्रोत्साहित करने में मद्दगार होगी। उन्होंने कहा कि बहुमूल्य पर्यावरण को बचाना अति महत्वपूर्ण है और प्रत्येक को पर्यावरण संबंधी गतिविधियों से जोड़ने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि विशेषकर युवाओं को इस प्रकार के अभियान से जोड़ना चाहिए, ताकि हरे-भरे विश्व की परिकल्पना को पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि इससे देश के युवाओं को उन्हें खाली समय में सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त करने का एक बेहतर अवसर प्रदान होता है, ताकि राष्ट्रीय आपातकाल के समय देश की रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए उनका आह्वान किया जा सके। राज्यपाल ने उनके सिद्धांत वीर हिमाचल एण्ड ग्रीन हिमाचल की सराहना की और भविष्य में पर्यावरण से जुड़े कार्यों को जारी रखने की आशा जताई तथा अधिकारियों से युवाओं को उनके इस मिशन में जोड़ने को कहा।
कर्नल नगियाल ने राज्यपाल को अवगत करवाया कि यूनिट वनीकरण के कार्यों के अलावा भू-संरक्षण, चैक डैमों का निर्माण, वन महोत्सवों का आयोजन, स्थानीय लोगों में पर्यावरणीय जागरूकता उत्पन्न करना, जिसके परिणामस्वरूप पेड़ों के कटान में रोक तथा वनों में आगजनी की घटनाओं पर अंकुश लगाने जैसी गतिविधियां में भी सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं। उन्होंने अवगत करवाया कि बटालियन ने 32 लाख पौधे लगाकर 2994 हेक्टेयर बंजर भूमि को कवर किया है और पौधों की जीवतंता 65 से 70 प्रतिशत रही है। ले. कर्नल रणधावा सेकेंड-इन-कमांड तथा मेजर जितेंद्र एडजुटेंट सहित बटालियन के अन्य अधिकारी भी कमांडिंग अधिकारी के साथ उपस्थित थे।
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