हनुमानगढ़। असिंचित क्षेत्र में सिंचाई सुविधा की मांग को लेकर गोरखाना में चल रहे आंदोलन के मुद्दे पर जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित शनिवार को पत्रकारों से मुखातिब हुए। उन्होंने अपने ऊपर लगाए जा रहे आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए साफ किया कि प्रशासन वार्ता के लिए तैयार है लेकिन सिंचाई विभाग के अधिकारियों से हुई बात के आधार पर आंदोलनकारियों की मांग को पूरा किया जाना नामुमकिन हैं।
सिंचाई विभाग के अधिकारियों से हुई बातचीत में जो नतीजा निकलकर सामने आया उसके आधार पर इंदिरा गांधी नहर परियोजना की साहवा लिफ्ट के कमांड एरिया के लिए ही पहले पूरा पानी नहीं मिल रहा। ऐसे में नोहर-सिद्धमुख लिफ्ट सिस्टम को कमांड नहीं किया जा सकता। साथ की कलक्टर ने स्थिति स्पष्ट करते हुए बताया कि वे मौके पर जाएंगे लेकिन आंदोलनकारियों को टंकी से नीचे उतारने के लिए बल्कि वार्ता के लिए। उन्होंने कहा कि मौके पर कलेक्टर को बुलाकर वार्ता करना केवल आंदोलनकारियों की जिद्द है। जिद्द के कारण मौके पर जाना पड़े यह उचित नहीं। आंदोलनकारियों की मांग अनुसार मौके पर जाकर वार्ता न करने के सवाल पर कलेक्टर राजपुरोहित ने कहा कि जब पानी ही नहीं है तो वे आंदोलनकारियों से किस आधार पर वार्ता करें। क्योंकि आंदोलनकारी वंचित गांवों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने का ठोस आश्वासन लिखित में देने के बाद ही टंकी से नीचे उतरने की मांग पर अड़े हुए हैं। साथ ही कहा कि हम नहीं चाहते कि किसानों का अहित हो लेकिन हमारा उद्देश्य यही है कि भविष्य में इस तरह की परिपाटी न बने कि कोई टंकी पर चढ़े या अन्य तरीके से आंदोलन करे और कलक्टर से मौके पर वार्ता के बिना अपना आंदोलन स्थगित न करे।
हमारा प्रयास है कि स्थानीय स्तर पर ही इस तरह के मामले निपट जाएंगे। इस मुद्दे पर भी यही हो रहा है। नोहर के एडीएम, एसडीएम, तहसीलदार सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी व कर्मचारी गोरखाना में आंदोलनकारियों से समझाइश के प्रयासों में जुटे हैं। इससे सारा कामकाज प्रभावित हो रहा है। कलेक्टर राजपुरोहित ने कहा कि ऐसा नहीं है कि प्रशासन प्रयास नहीं कर रहा। हम अपने स्तर पर पूरा प्रयास करेंगे। सरकार स्तर पर समस्या समाधान के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। मिल-बैठकर बात करने से ही इस समस्या का समाधान हो सकेगा न कि अनैतिक व गैर कानूनी तरीका अपनाकर। जिला कलेक्टर ने कहा कि वे किसानों की इस समस्या को लेकर जल्द सिंचाई विभाग के अधिकारियों से समय तय कर सिंचाई सुविधा से वंचित गांवों का भ्रमण कर सर्वे करेंगे।
ग्रामीणों की समस्या को जानकर सरकार को समाधान के लिए भेजा जाएगा। प्रेस वार्ता में मौजूद जिला पुलिस अधीक्षक भुवन भूषण यादव ने कहा कि टंकी पर चढऩे से पहले प्रशासन ने आंदोलनकारियों की वार्ता हुई थी। प्रशासन ने कहा था कि वे समस्या बता दें विचार कर लेंगे लेकिन लेकिन आंदोलनकारी बिना बताए टंकी पर चढ़ गए। उन्होंने कहा कि जब बात हो गई थी बावजूद इसके टंकी पर चढऩे का क्या औचित्य। उन्होंने भी आंदोलनकारियों से आग्रह किया कि वे टंकी से नीचे उतरें। प्रशासन उनसे वार्ता के लिए तैयार है। वार्ता में जो निर्णय होगा उसके आधार पर प्रशासन समस्या समाधान के पूरे प्रयास करेगा।
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