जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कृषि बिजली की दरें घटाने सहित प्रदेश के किसानों को कई सौगातें दी हैं। किसानों को अब पूर्ववर्ती दर 90 पैसे प्रति यूनिट की दर से ही बिजली मिलेगी और फ्लैट रेट भी 120 के स्थान पर 85 रुपये प्रति एचपी ही होगी। राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग द्वारा कृषि विद्युत कनेक्शन की नई दरों का बढ़ा हुआ भार अब राज्य सरकार वहन करेगी। मुख्यमंत्री ने किसानों को राहत देते हुए और कई घोषणाएं की हैं। ऊर्जा राज्यमंत्री पुष्पेन्द्र सिंह राणावत ने बताया कि बीते साल सितम्बर, 2016 में विनियामक आयोग ने बिजली कृषि की दरों में करीब 25 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की थी, जिसे अब राज्य सरकार वहन करेगी। ज्यादा जमा कराई राशि समायोजित होगी । राणावत ने बताया कि अब किसानों को कृषि कनेक्शन के सामान्य श्रेणी के मीटर पर 1 रुपये 15 पैसे के स्थान पर 90 पैसे प्रति यूनिट की दर देय होगी। वहीं फ्लैट रेट के काश्तकारों के लिए प्रति एचपी की दर 120 रुपये के स्थान पर 85 रुपये रहेगी। इस निर्णय के अनुसार पूर्व में सामान्य श्रेणी के कृषि कनेक्शनों पर काश्तकारों द्वारा बढ़ी हुई दरों पर जमा कराई गई राशि को आगामी बिलों में समायोजित किया जाएगा। [# सैंकड़ों सालों से सीना ताने खड़ा है सोनार] [# अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
ऊर्जा राज्यमंत्री ने बताया कि प्रतिवर्ष विद्युत दरें बढ़ाने का निर्णय पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में लिया गया था। इसके बावजूद हमारी सरकार ने पिछले दो वर्षों में नियामक आयोग द्वारा किसानों के लिए बढ़ी हुई दरों का समस्त भार अपने ऊपर लिया है। राणावत ने मुख्यमंत्री की ओर से घोषणा के अनुसार बताया कि किसानों की मांग पर कृषि कनेक्शनों के स्थानांतरण में पंचायत समिति की सीमा को बढ़ाकर जिला क्षेत्र तक कर दिया जाएगा। ऊर्जा राज्यमंत्री ने कृषि उपभोक्ताओं के लिए सिविल लाइबिलिटी की अधिकतम अवधि चार माह से घटाकर 2 माह करने की घोषणा की। इसके साथ ही समझौता राषि की दर भी 2000 रुपये से घटाकर 1000 रुपये प्रति एचपी की गई है।
राणावत ने बताया कि अगर किसी उपभोक्ता का मीटर सही पाया जाता है तो उसकी लोड चैकिंग नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस संबंध में षिकायतों की निगरानी के लिए जिला स्तर पर कमेटियां गठित की गयी हैं। इन कमेटियों में वीसीआर जांच के 60 दिन तक प्राप्त होने वाली षिकायतों का निस्तारण 15 दिन में किया जाएगा।
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि बिना आवेदन या बिना जांच के लोड बढ़ने की शिकायतों का निस्तारण किया जायेगा। किसानों के पम्प की लोड चैकिंग में 20 प्रतिशत एवं अधिकतम 5 एचपी तक के लोड में रियायत दी जाएगी। इस निर्णय से लगभग 5 लाख किसान लाभान्वित होंगे। उन्होंने बताया कि दिसम्बर, 2014 के बाद भी किसी कारण मांग राषि जमा नहीं कर पाने वाले किसानों को मांग राषि जमा कराने का एक और अवसर दिया जाएगा।
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