नई दिल्ली। जेएनयू छात्र उमर खालिद का दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज में होने वाले इवेंट को रद्द होने को लेकर ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं के बीच बुधवार को जमकर हाथापाई हुई है। दरअसल उमर खालिद 21 फरवरी को रामजस कॉलेज की ओर से आयोजित सेमिनार में आदिवासी इलाकों में हिंसा के मुद्दे बोलना था। मंगलावार को तो हल्की बहस हो गई लेकिन जिसके बाद बुधवार को दोनों कार्यकर्ताओं में भिड़ंत हो गई। [# नशा ही नशा है लेकिन बादल सरकार है कि मानती नहीं] [# अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
रामजस कॉलेज के प्रिंसिपल राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि इवेंट को छात्रों के विरोध के कारण रद्द करना पड़ा। सेमिनार केंसिल होने के तुरंत बाद उमर खालिद ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, यह हमारे देश के लोकतंत्र का स्तर है कि हमला करने वालों को पूरी सुरक्षा दी जाती है और पीडि़तों को हमले का जिम्मेदार ठहराया जाता है।
आपको बता दें कि उमर खालिद उन तीन छात्रों में से एक है जिन्हें 2016 में जेएनयू में अफजल गुरु पर एक कार्यक्रम के आयोजन को लेकर गिरफ्तार किया गया था। रामजस कॉलेज ने उमर खालिद और जेएनयू छात्र संघ की पूर्व अध्यक्ष शेहला राशिद को निमंत्रण दिया था। शेहला राशिद छात्रों की गिरफ्तारी के विरोध में आंदोलन चलाने में शामिल थीं।
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