नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट के वकील प्रशान्त भूषण ने मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की ओर से नामित किये गये देश के अगले मुख्य न्यायाधीश जस्टिस खेहर की फाइल सरकार के पास लंबित होने की दलील देकर जैसे ही सहारा और बिड़ला मामले से उनके अलग होने की बात कही वैसे ही कोर्ट भडक़ गया। [@ ऐसा क्या हुआ कि पुलिसकर्मी लगा रहे एमडीएम अस्पताल में झाड़ू]
कोर्ट ने कहा कि ये बहुत अनुचित और अतार्किक है। बात इतनी बढ़ गई कि आखिर में कोर्ट ने मामले की सुनवाई 11 जनवरी तक के लिए टाल दी।
दरअसल 3 जनवरी को वर्तमान मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर सेवानिवृत हो जाएंगे और उनके बाद जस्टिस जेएस खेहर देश के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे। जस्टिस ठाकुर ने जस्टिस खेहर का नाम अगले मुख्य न्यायाधीश के लिए नामित कर सरकार को भेजा और जस्टिस खेहर की मुख्य न्यायाधीश पद पर नियुक्ति की फाइल फिलहाल सरकार के पास है।
और आपको बता दें कि जिस मामले में प्रशांत भूषण बहस कर रहे थे वो सहारा और बिड़ला के यहां पड़े आयकर छापे में बरामद दस्तावेजों में राजनेताओं को रिश्वत दिये जाने की जांच की मांग से जुड़ा था। बरामद दस्तावेजों में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री को भी पैसे देने की बात कही गई है। और तो और मामले की सुनवाई न्यायाधीश जेएस खेहर और न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की पीठ ही कर रही है। पिछली दो सुनवाइयों में कोर्ट ने याचिकाकर्ता संस्था के वकील प्रशांत भूषण और शांति भूषण से कहा था कि पेश सामग्री मामले में संज्ञान लेने के लिए पर्याप्त नहीं है।
शुक्रवार को जैसे ही मामला सुनवाई पर आया। प्रशांत भूषण ने कहा कि जस्टिस जेएस खेहर की मुख्य न्यायाधीश पद पर नियुक्ति की फाइल सरकार के पास लंबित है। ऐसे में अगर वे मामले को सुनेंगे तो बातें उठेंगी। वे कोर्ट के अधिकारी होने के नाते पीठ को यह बता रहें हैं, वरना उन्हें जस्टिस खेहर के सुनवाई करने में कोई दिक्कत नहीं है। इन दलीलों पर सीजेआई नाराज हो गए।
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