नई दिल्ली: देशभक्त और राष्ट्रविरोधी जैसी संज्ञाओं को लेकर जारी विवाद के बीच
केंद्रीय सूचना आयोग ने गृह मंत्रालय से उन लोगों की सूची सार्वजनिक करने को कहा
है जो कथित राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के लिए देशद्रोह के मामलों
का सामना कर रहे हैं। आयोग ने मुरादाबाद के रहने वाले पवन अग्रवाल द्वारा दायर
आवेदन पर यह निर्देश दिए। अग्रवाल ने एक आरटीआई आवेदन के जरिये प्रधानमंत्री
कार्यालय से उन लोगों की सूची मांगी थी जिन्हें शहीद और राष्ट्रविरोधी घोषित किया
गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने यह आवेदन गृह मंत्रालय के पास भेज दिया था जिसने
जवाब दिया कि उसके पास ऐसी कोई सूची नहीं है जिसमें लोगों को देशभक्तों, शहीदों
या राष्ट्रविरोधियों के रूप में वर्गीकृत किया गया हो, इसलिए सूचना
मुहैया नहीं कराई जा सकती।
मंत्रालय ने कहा था कि उसने निश्चित पैमाने एवं
मानक के आधार पर किसी व्यक्ति को देशभक्त देशद्रोही या शहीद के तौर पर वर्गीकृत
नहीं किया या लोगों की इस तरह की श्रेणी का कोई आंकड़ा नहीं रखा। सूचना आयुक्त
सुधीर भार्गव ने आदेश में कहा, प्रतिवादी ने कहा कि आरटीआई अधिनियम,
2005
के प्रावधानों के तहत एक सार्वजनिक प्राधिकरण आवेदक को केवल वह सूचना मुहैया कराने
के लिए उत्तरदायी है जिसका कोई रिकॉर्ड नहीं है। जो प्राधिकरण के पास मौजूद है या
उसके नियंत्रण में है। अग्रवाल ने भार्गव के समक्ष सुनवाई के दौरान दावा किया कि
कई लोगों के खिलाफ देशद्रोह के मामले दायर किए गए हैं।
आवेदक ने साथ ही कहा कि इसलिए गृह मंत्रालय के
पास ऐसे लोगों का ब्योरा होना चाहिए जो राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल हैं।
इसी तरह मंत्रालय के स्वतंत्रता सेनानियों से संबंधित विभाग के पास भी स्वतंत्रता
सेनानियों-शहीदों से संबंधित जानकारी होगी।
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