नई दिल्ली। चीन ने संयुक्त राष्ट्र में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना आतंकी मसूद
अजहर पर प्रतिबंध लगाने के भारत के अभियान को समर्थन देने से इनकार कर दिया
है। इतना ही नहीं चीन ने न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) में भारत की
एंट्री पर भी अपने स्टैंड को बदलने से इनकार कर दिया है।
गौरतलब है कि चीन ने एनएसजी में भारत की एंट्री का विरोध किया था। अब चीन
विरोध के अपने इस पुराने स्टैंड पर कायम रहने वाला है। चीन ने एनएसजी में
भारत की एंट्री के दावे को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि उसने एनपीटी पर
साइन नहीं किए हैं।
हालांकि भारत ने इस मुद्दे पर दोनों पक्षों के बीच तर्कसंगत और व्यावहारिक
बातचीत की वकालत की थी।
हाल ही भारतीय विदेश सचिव एस जयंशकर ने कहा था कि
चीन को असैन्य परमाणु प्रौद्योगिकी तक पहुंच हासिल के नई दिल्ली की कोशिशों
को राजनीतिक रंग नहीं देना चाहिए। भारत लंबे समय से परमाणु प्रौद्योगिकी
नियंत्रक समूह को विस्तार देने की जरूरत पर जोर देता रहा है।
इसी तरह चीन ने संयुक्त राष्ट्र में मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने के भारत
के प्रयासों को भी झटका दिया है।
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