अधिकारियों की
उदासीनता को देखते हुए स्कूल के टीचर भी स्कूल में नही आते है। स्कूल का चतुर्थ
श्रेणी कर्मचारी ही बच्चो को पढ़ाता है। जनपद में ऐसे कई स्कूल है जहां बच्चे
खुले आसमान के नीचे बिना टीचर के खुद पढ़ रहे है। जब इस सन्दर्भ में संभल जनपद के बीएसए सत्य नारायण से बात की गई तो
उनका कहना था की प्रयास किया जा रहा है फंड मिलने पर जर्जर स्कूलों की मरम्मत कराई
जाएगी। इन हालतों में केसे पढ़ेगा इण्डिया।
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