आगरा। स्कूली प्रशासन की लापरवाहरी के चलते बच्चों को उनका हक नहीं
मिल रहा है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत निजी विद्यालयों में दाखिला लेने वाले
बच्चों को स्कूल ड्रेस और कॉपी-किताब के लिए मिलने वाली सरकारी सहायता नहीं मिल रही
है। 2016-17 के शैक्षिक सत्र में गरीब बच्चों का प्रवेश प्रशासन ने प्राइवेट स्कूलों
में कराया था। जिसके तहत उन्हें स्कूल यूनिफोर्म सहित कॉपी-किताबों के लिए पांच हजार
रुपये की सहायता दी जानी थी। प्रशासन का कहना
है कि उन्होने तो बजट पहले ही भेज दिया, लेकिन स्कूली प्रशासन की लापरवाही के चलते
वह अभी तक छात्रों को नहीं मिला है। [@ साल 2016 में गूगल पर सबसे ज्यादा सर्च हुए टाॅप 10 टाॅपिक्स]
गौरतलब है कि प्रवेश लेने वाले छात्रों के अभिभावकों का बैंक खाता
नंबर व अन्य जानकारी स्कूलों द्वारा बीएसए कार्यालय भेजी जानी थी जो आठ महीने बाद भी
विभाग को नहीं भेजी गई जिसके चलते बच्चे सहायता
से वंचित रह रहे हैं। वहीं इस सरकारी सहायता के लिए अभिभावक स्कूल और विभाग के चक्कर
काट-काट कर परेशान हैं।
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