नई दिल्ली। पाकिस्तान उच्चायोग के कर्मचारी का दिल्ली में जासूसी कनेक्शन के भंड़ाफोड़ के तीन महीने बाद क्राइम ब्रांच ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। यह चार्जशीट समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सदस्य चौधरी मुनव्वर सलीम के निजी सहायक फरहत खान समेत 4 लोगों के खिलाफ दाखिल की गई है। इसमें कई सनसनीखेज खुलासे किए गए हैं। आरोपियों के पास से भारतीय सैन्य ठिकानों से जुड़ी कई गोपनीय जानकारियां मिली थीं जिसका इस्तेमाल पाकिस्तान सीमा से सटे इलाके में खुद को मजबूत करने के लिए कर सकता था। [@ UP ELECTION: पढ़ें, आखिर क्यों अखिलेश के करिश्मे के सामने नतमस्तक हो गई कांग्रेस]
चार्जशीट में सलीम समेत 12 लोगों को गवाह के तौर पर शामिल किया गया है। पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मचारी मोहम्मद अख्तर के खिलाफ चार्जशीट नहीं दाखिल की गई है, क्योंकि उसे राजनयिक छूट प्राप्त थी। फरहत को जॉइंट कमिश्नर (क्राइम) रवीन्द्र यादव के नेतृत्व में 26 अक्टूबर 2016 को दिल्ली चिडिय़ाघर के बाहर तीन भारतीय एजेंट के साथ गोपनीय कागजात लेने के दौरान रंगे हाथ पकड़ा था। फरहत के अलावा मौलाना रमजान खान, सुभाष जांगिड़ और साहेब हुसैन के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। 19 पेज की चार्जशीट में आरोपियों पर आईपीसी की धारा 3 और 9 के तहत 120बी (आपराधिक षडयंत्र) के तहत आरोप लगाए गए हैं।
रमजान खान से हासिल किए गए दस्तावेज में भारतीय सैन्य ठिकानों से जुड़ी कई गोपनीय जानकारी मिलने का दावा किया गया है। चार्जशीट में कहा गया है कि रमजान से मिले दस्तावेज में सर क्रीक बॉर्डर पर भारतीय सेना की तैनाती, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल की जानकारी का जिक्र था। इससे भारतीय सैनिकों की जान को खतरा हो सकता था। इस गोपनीय दस्तावेज के आधार पर पाकिस्तान युद्ध के दौरान अपनी तैनाती को सुधारकर भारत पर बढ़त हासिल कर सकता था।
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