गुडगाँव । गंगाराम अस्पताल में कार्यरत गुरूग्राम निवासी डा. परमेश्वर अरोड़ा ने सैक्टर 14 स्थित एक रेस्टोरेंट में पत्रकारवार्ता की बदलती जीवनशैली के चलते व बेवजह जरुरत से अधिक पानी पीने के कारण आज मनुष्य को बीपी, शुगर आदि अनेक बीमारियां घेर रही हैं। अपनी दिनचर्या ख़राब होने के कारण हम लगातार कमजोर होते चले जा रहे हैं। पेट की बीमारियों जैसे कब्ज, एसिडिटी एवं गैस, शरीर विशुद्धिकरण करना, पेशाब में जलन, मोटापा कम करना आदि ठीक करने के लिए चिकित्सकों द्वारा कहा जाता है
रोगी को अधिक पानी का प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि वेदों में साफ शब्दों में लिखा गया है कि पानी का प्रयोग जरुरत पडऩे पर शरीर की आवश्यकतानुसार कम मात्रा में ही करें। सही मात्रा में सही समय पर एव सही विधि से पिए जाने वाला जल ही अमृत है अन्यथा विष के समान है। डा. अरोड़ा ने कहा कि इन रोगों में पाचक अग्नि को बढ़ा कर ही इन रोगों से पूर्ण मुक्ति पायी जा सकती है। ऐसे में अग्नि के प्रबल विरोधी जल का अत्याधिक प्रयोग, कैसे हमारे अग्नि बल को बढ़ाएगा और कैसे हमें इन बीमारियों से मुक्ति दिलाएगा, समझ से परे है। कहीं ऐसा तो नहीं कि इन रोगों में क्षणिक लाभ के लिए लिया गया अत्याधिक पानी ही, पेट के इन सामान्य रोगों को कभी ना ठीक होने वाले असाध्य रोग बना देता हो।
आयुर्वेदानुसार जल को अकेले लिया जाए या औषधियों से सिद्ध करके लिया जाए, उबाल कर लिया जाए अथवा शीतल लिया जाए, या सिर्फ गरम करके लिया जाए, शरीर की अवस्था के अनुसार ऐसा विचार करके, सही मात्रा में, सही समय पर एवं सही विधि से लिया गया जल अमृत के समान गुणकारी होता है अन्यथा शरीर में विषाक्तता को उत्पन्न करता है। उन्होंने कहा कि प्रात: उठकर एक गिलास पानी खाली पेट पीना चाहिए व दोपहर व रात्रि के समय भोजन के समय गुनगुने पानी को घूंट-घूंट कर पीना चाहिए तथा भोजन को चबाकर खाना चाहिए
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