बीकानेर। बीकानेर के सिरेमिक इलेक्ट्रिकल रिसर्च एवं डवलमेंट सेंटर को भारत सरकार ने राष्ट्रीय परीक्षण एवं अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएल) की राष्ट्रीय मान्यता प्रदान की गई है। यह मान्यता मिलने के बाद प्रतिवर्ष लगभग 2 करोड़ रुपए की आय शुरू होने का अनुमान है। उल्लेखनीय है कि बीकानेर में सिरेमिक सेन्टर की स्थापना वर्ष 2007 में की गई थी। बाद में इसका नाम बदल कर सिरेमिक इलेक्ट्रीकल रिसर्च एवं डवलपमेंट सेंटर रख दिया गया। हाई वॉल्टेज इन्सुलेटर के क्षेत्र में टेस्टिंग एवं रिसर्च कार्य के लिए उत्तर भारत की सबसे बड़ी प्रयोगशाला है, जिसे राजस्थान सरकार द्वारा लगभग 8 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित किया गया था।
8 साल से नहीं मिल रही थी मान्यता
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