मुंबई। केन्द्र सरकार ने बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया कि आज की तिथि
तक उसे ऎसी कोई संतोषजनक चीज नहीं मिली जिसके आधार पर वह सनातन संस्था को
गैर कानूनी गतिविधि निरोधक कानून के तहत आतंकी संगठन घोषित कर सके और इस पर
प्रतिबंध लगा सके।
जस्टिस वीएम कनाडे और जस्टिस पीआर बोरा की खंडपीठ विजय रोक़डे द्वारा दायर
एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस याचिका में सनातन संस्था पर प्रतिबंध
लगाने की मांग की गई है और आरोप लगाया गया है कि इस संगठन के सदस्यों ने
पनवेल और ठाणे में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया है।
पीठ को सूचित किया गया कि महाराष्ट्र सरकार ने आतंक रोधी दस्ता द्वारा
सौंपे गई एक रिपोर्ट और सामग्री के आधार पर केन्द्र सरकार को 2012 में एक
प्रस्ताव भेजकर इस समूह पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी।
केन्द्र सरकार ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार द्वारा भेजे गए साक्ष्य और
अन्य सामग्री निर्णयात्मक नहीं थी और इसलिए इस संगठन को आतंकी संगठन के
तौर पर घोषित नहीं किया जा सकता। केन्द्र ने पिछले साल अक्टूबर में भी यही
दलील दी थी। पीठ ने मामले की अंतिम सुनवाई की तारीख सात मार्च तय की।
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