उदयपुर। प्रसिद्ध झील उदयसागर के आसपास केन्द्रीय वेटलेंड अधिनियम के तहत अधिकतम भराव तल में आ रही निजी जमीनों को बचाने के लिए रविवार को उदयसागर किनारे बसे 20 गांवों की महापंचायत रविवार हुई। खेड़ा देवी मंदिर में आयोजित इस महापंचायत में उदयसागर झील से लगने वाले देबारी, मटून, भोइयों की पचोली, लकड़वास, टीलाखेड़ा, कमलोद, पनवाड़ी, कानपुर-कानपुर खेड़ा, कमलोद डूंगर आदि गांवों के किसान, सरपंच, पंच प्रतिनिधि महापंचायत में एकत्र हुए।
इस महापंचायत में जमीनें बचाने के लिए आंदोलन करने की हुंकार भरते हुए सरकार को चेतावनी दी गई कि, यदि इस मामले में राहत नहीं दी गई, तो हालात बुरे होंगे, और 10 दिन में कोई सुनवाई नहीं होने पर व्यापक प्रदर्शन का आह्वान किया गया। केन्द्रीय वेटलेंड अधिनियम 2016 के तहत वेटलेंड बनाए जाने वाले जलाशयों के अधिकतम भराव तल की तमाम जमीनों को संरक्षित घोषित किया जाना है। इन अधिनियमों के तहत इन संरक्षित घोषित होने वाली जमीनों पर निर्माण भी नहीं होने की बात कही जा रही है। ऐसे में जलाशयों के पेटे से लेकर गांवों की सीमाओं तक किसानों की पेटा काश्त भूमियां आती हैं, जिन पर प्रतिबंध हो जाने पर यह बची हुई जमीनें भी हाथ से चले जाने का इन किसानों को डर बना हुआ है।
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