टोंक। जिले में पहली बार दुर्लभ प्रजाति का बैंडेड रैसर सांप एक मकान से रेस्क्यू किया गया है। रैसर सांप की कई प्रजातियों में से एक यह बैंडेड रैसर सांप जिला मुख्यालय के बाईपास स्थित स्वर्णदुर्गा मंदिर के पास समुद्र सिंह नामक व्यक्ति के मकान से रेस्क्यू किया गया।
गौरतलब है कि मकान मालिक समुद्र सिंह ने इस क्षेत्र में सामान्यतया पाए जाने वाले धामन यानि रैट स्नैक समझ सेव दी स्नैक मिशन से जुड़े मनोज तिवारी को इसके बारे में जानकारी दी। मौके पर पहुंचे मनोज तिवारी ने इसको पकड़ा। लगभग 125 मीटर लंबा भूरे रंग का यह सांप घास के मैदानों में पाया जाता है। इसके शरीर पर समान अंतराल पर आड़ी सफेद धारियां बनी होती हैं। सांपों की यह प्रजाति पूरी तरह विषहीन होती है और बेहद शांत मानी जाती है।
यदि टोंक जिले में मिलने वाले सांपों के प्रजातियों के अध्ययन से देखे तो बैंडेड रेसर सांप पहली बार नजर या फिर रेस्क्यू किया गया है। सामान्यतया अक्टूबर के माह में 1 से 6 अंडे तक देने वाले बैंडड रैसर के समान ही ग्लॉसी बैली रैसर प्रजाति के दो सांप कुछ माह पूर्व शहर के बाहरी इलाके स्थित एक मकान से रेस्क्यू किए गए थे। बाद में सांप को वनकर्मियों की मौजूदगी में कच्चाबंधा वन क्षेत्र में छोड़ दिया गया।
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