बीकानेर। अयोध्या से आए संत परमेश्वरदास-सीताराम बाबा, भाजपा के बृजमोहन सिंह भाटी, विक्की गहलोत, सांगीलाल गहलोत व वेद व्यास के नेतृत्व में साधु-संतों ने मंगलवार को शासन-प्रशासन के रूढि़वादी रवैये पर नाराजगी जताते हुए रैली निकालकर कलेक्टरी पर धरना दिया। यह रैली हमालों की बारी स्थित सीताराम मंदिर से शुरू होकर कलेक्ट्री पहुंची। इसमें प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए रोष जताया। संत परमेश्वरदास-सीताराम बाबा के नेतृत्व में दिए जा रहे धरने में उन्होंने बताया कि राम राज्य की स्थापना करने की बात करने वाली सरकार के शासन में साधु-संतों को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जोड़बीड़ क्षेत्र स्थित बालकिया धोरा मंदिर में साधना करने वाले साधु-संतों के अनुसार वन विभाग के अधिकारी उन्हें उक्त भूमि से बेदखल करने की कोशिश कर रहे हैं। मंदिर में वर्षों से साधु-संत तपस्या कर रहे हैं। वहीं आसपास के गांवों के लोग यहां रोजाना पूजा करने आते हैं। मंदिर परिसर में पुराने तालाब और कुंड भी हैं। लगातार यहां पशु-पक्षी विचरण करने आते हैं। उन्हें पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए साधु-संतों ने धोरा भूमि क्षेत्र में ट्यूबवैल खुदवाना चाहा था, लेकिन सरकारी महकमों के अधिकारियों ने कार्य रुकवा दिया। इतना ही नहीं जब साधु-संतों ने भक्तों के सहयोग से निरीह पशु-पक्षियों के लिए टैंकर से पानी मंगवाया, तो सरकारी नुमाइंदों ने वह भी रुकवा दिए। इस पर नाराजगी जताते हुए धरनार्थियों ने बताया कि उनके पास वन विभाग का अनापत्ति प्रमाण पत्र है और छह जनवरी-2000 को तत्कालीन कलेक्टर की ओर से शासन सचिव-वन विभाग को लिखे गए पत्र की प्रतिलिपि भी है, जिसमें इस भूमि को वन विभाग के क्षेत्र से मुक्त करने पर कलेक्टर कार्यालय को कोई आपत्ति नहीं बताई गई।
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