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कानपुर। विधानसभा चुनाव में अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए बहुजन समाज पार्टी अचानक अटल जाप शुरू कर दिया। पार्टी के कार्यकर्ता सवर्ण वर्ग के बीच पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अनदेखी का आरोप लगा सेंधमारी में जुटे हुए है। जिसके चलते भाजपाई सकते में आ गये। हालांकि भाजपा का कहना है कि अपनी हार देख बसपा इस तरह का भ्रम फैला रही है। लेकिन उसकी दाल अबकी बार नहीं गलने वाली है। केन्द्र सरकार व प्रदेश सरकार के खिलाफ अक्रामकता के बाद भी 2007 जैसी चुनावी धार न देख बहुजन समाज पार्टी अब भाजपा के संस्थापक सदस्य व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का सहारा ले लिया। जिसके चलते उनके कार्यकर्ता अब अपने-अपने क्षेत्रों में सवर्ण वर्ग खासतौर पर ब्राह्मणों के बीच यह कहने से नहीं थकते कि भाजपा की पीएम नरेन्द्र मोदी व अध्यक्ष अमित शाह की जोड़ी ने अटल बिहारी वाजपेयी को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया है। यही नहीं कुछ पोस्टर भी दिखाया जा रहा है जिसमें वाजपेयी जी की फोटो नदारद है। यह सब उन सीटों पर अधिक हो रहा है जहां पर बसपा ने ब्राह्मणों को टिकट दिया है। बसपा की बदली रणनीति से भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं में यह खौफ सताने लगा है कि कहीं वाजपेयी का सहारा लेकर बसपा सेंध लगाने में कुछ हद तक सफल न हो जाय। हालांकि भाजपा पदाधिकारी इस बात पर पूरी तरह से अस्वस्थ्य हैं कि बसपा का यह दांव नहीं चलने वाला है। भाजपा के जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र मैथानी का कहना है कि अब बसपा यह बताएगी कि हम अपने मागदर्शक को किस तरह से सम्मान करें। कहा कि जब हार दिखने लगती है तो ऐसी ही उम्मीद है कि हमारे महापुरूषों का नाम लिया जाएगा। बसपा कुछ भी कर लें हमारा कार्यकर्ता व मतदाता कहीं जाने वाला नहीं है। तो वहीं बसपा जिलाध्यक्ष प्रशांत दोहरे का कहना है कि बसपा सर्वजन हिताय की बात करती है और भाजपा ने पूर्व प्रधानमंत्री का अपमान किया है तो उसे हम जनता के बीच तो उजागर करेगें ही।
चार ब्राह्मणों को मिला टिकट
बहुजन समाज पार्टी ने कानपुर नगर की 10 विधानसभाओं में तीन सीटों पर व कानपुर देहात की एक सीट पर ब्राह्मण प्रत्याशी उतारा है। ब्राह्मण बाहुल्य गोविन्द नगर, किदवई नगर व महाराजपुर से व कानपुर देहात की अकबरपुर रनियां से पार्टी ने ब्राह्मण प्रत्याशी पर आस्था जताई है।
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