मथुरा बृज में जैसे-जैसे होली नजदीक आती है वैसे ही मथुरा में
गुलाल बनाए जाने का कार्य शुरू हो जाता है। कहीं प्राकृतिक गुलाल से होली खेली
जाती है तो कहीं प्राकृतिक रंग से होली खेली जाती है। होली के इन 40 दिनों में कई
टन गुलाल और रंग यहां आने वाले श्रद्धालुओं के ऊपर बरसाया जाता है। जिससे
श्रद्धालु होली की मस्ती में रंग जाता है। [# यूपी चुनाव: क्या इस बार कोई गुल खिलाएंगे चुनाव पूर्व हुए गठबंधन?] [# अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
इस तरह बनाए
जाते हैं विशेष रंग
बृज की होली शुरू होते ही मथुरा की फैक्ट्रियों में भी रंग और
गुलाल बनना शुरू हो गया है। हर तरह के गुलाल को बनाया जा रहा है। जब हमने गुलाल
बनाने के बारे में जानना चाहा तो लोगों ने बताया कि हम इस गुलाल को बनाने के लिए
इसमें फिटकरी डालते हैं, साथ ही सेलखड़ी नाम का पाउडर भी इसमें डाला जाता है ताकि
लोगों की त्वचा को कोई भी नुकसान न पहुंचे। सारी चीजों को ध्यान में रखकर हम लोग
इस गुलाल को बनाते हैं।
देश विदेश
से होली मनाने आते हैं श्रद्धालु
मथुरा में बृज की होली की बात ही सबसे निराली है। ब्रज में जो भी श्रद्धालु आता है
वो होली के रंग में ही रंग जाता है। मथुरा की होली को देखने और मानाने लिए देश और
विदेश से लोग यहां आते हैं। श्रद्धालु कान्हा की नगरी में होली का आनन्द उठाते
हैं।
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