नई दिल्ली। गोवा में रविवार को 8वां ब्रिक्स सम्मेलन संपन्न हो गया। इस
मौके पर चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने भारत के साथ एकजुटता दिखाते हुए
अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से मुकाबले के लिए व्यापक रणनीति पर जोर दिया, मगर
चीन ने वह नहीं होने दिया जिसके अरमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संजोए हुए
थे। चीन के कारण मोदी की रणनीति पूरी तरह से कामयाब नहीं हो पाई। हालांकि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समिट के दौरान पाकिस्तान को जमकर कठघरे में खड़ा
करने की कोशिश की और परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए उसे आतंकवाद की
‘जन्मभूमि’ करार दिया।
यह माना जा रहा था कि चीन की मौजूदगी के चलते
सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा ठंडे बस्ते में चला जाएगा, मगर ब्रिक्स के अन्य
सदस्यों के मजबूत साथ की वजह से ऐसा तो नहीं हो पाया, मगर भारत को जैसी
उम्मीद थी वैसा नहीं हो पाया। भारत को उम्मदी थी कि भारत में सक्रिय
लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद जैसे आंतकी संगठनों का जिक्र किया जाएगा।
समिट सेक्रटरी (इकनॉमिक रिलेशंस) और इंडिया ब्रिक्स टीम की अगुवाई कर रहे
अमर सिन्हा ने बताया कि गोवा घोषणापत्र में ब्रिक्स देशों के बीच इन आतंकी
संगठनों के जिक्र को लेकर आम सहमति नहीं बन सकी।
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