जयपुर। दुर्घटना में घायल होकर ब्रेनडैड हुए सत्यभान (22) ने अंगदान से तीन लोगों को नई जिंदगी दी। सत्यभान का लीवर व एक किडनी महात्मा गांधी अस्पताल में दो मरीजों के प्रत्यारोपित किए गए तथा एक किडनी एसएमएस अस्पताल में तथा ईएचसीसी अस्पताल में दिल ग्रीन कॉरिडोर बनाकर भेजा गया। सभी मरीजों के ऑपरेशन रविवार देर रात को किए गए। खास बात यह है कि प्रदेश में यह दूसरा हार्ट कैडेवर हार्ट ट्रांसप्लांट और 9वां लीवर ट्रांसप्लांट है। सत्यभान की पिछले दिनों ब्रेन डेथ हो गई थी। अंगदान के लिए परिजनों के राजी होने के बाद डॉक्टरों ने अंग प्रत्यारोपण की कार्रवाई शुरू की। रविवार रात 12 बजे बाद ऑपरेशन शुरू हुए। सत्यभान भरतपुर के जघीना गांव का निवासी था। 4 नवंबर को दुर्घटना हो जाने के बाद वह गंभीर घायल हो गया। परिजन उसे महात्मा गांधी अस्पताल लाए, जहां न्यूरो सर्जन डॉ. रोहिन भाटिया के दो बार जांच करने के बाद अस्पताल की कमेटी ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया। परिजनों के अंग डोनेट पर राजी होने के बाद ग्रीन कोरिडोर बनाकर सत्यभान के दिल को ईएचसीसी अस्पताल में भेजा गया। जहां डॉ. अजीत बाना व टीम ने ऑपरेशन कर 35 वर्षीय एक मरीज के शरीर में सत्यभान का दिल लगाया।
इन लोगों को मिले लीवर-किडनी
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