नवांशहर। सलोह रोड पर तूर काॅलोनी निवासी गुरनाम सिंह और उनकी पत्नी चरण कौर ने मरणोपरांत अपना शरीर दान करने का फैसला लिया है। इनको मरणोपरांत शरीर दान करने का पहचान पत्र चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट परिंदर सिंह कम सचिव जिला कानूनी सेवाएं अथोरिटी शहीद भगत सिंह नगर ने दिया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि गुरनाम सिंह और उनकी पत्नी चरण कौर ने जो फैसला किया है। वो सराहनीय होने के साथ समाज के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने दोआबा सेवा समिति की ओर से किए जा रहे सेवा कार्यों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति की ओर से मरणोपरांत किया गया शरीर दान मेडिकल काॅलेजों में डाॅक्टरी की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों के लिए काफी कारगर साबित होता है। वहीं शरीर दान करने का फैसला लेने वाले गुरनाम सिंह और चरण कौर ने कहा कि उनको शरीरदान करने की प्रेरणा धार्मिक पुस्तकें और अखबारों से मिली। वे खुद इंसानियत के लिए कोई कार्य करना चाहते थे। इसलिए उन्होंने अपने परिवार की सहमति से मरणोपरांत शरीरदान करने का निर्णय लिया है। दोआबा सेवा समिति के रत्न कुमार जैन ने बताया कि आज 52वें और 53वें बॉडी डोनेशन का पहचान पत्र शरीर दानियों को संस्था की ओर से दिया गया है। रतन जैन ने बताया कि इन्होंने गवर्नमेंट मेडिकल काॅलेज पटियाला के शरीर दान के फार्म भरे हैं। गुरनाम सिंह दानामंडी में आढ़ती का काम करते हैं और चरण कौर गांव जाफरपुर में अध्यापिका है। इनके दोनों बच्चों अंशदीप सिंह ( 10 ) व तरनजीत कौर (14 ) ने भी अपने माता से प्ररेणा लेकर मरणोंपरांत नेत्रदान के फार्म भरे हैं।
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