धर्मशाला। कांगड़ा जिले के छोटा तथा बड़ा भंगाल क्षेत्र की दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने मुलथान में राजकीय डिग्री कॉलेज खोलने के अतिरिक्त बीड़ स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में स्तरोन्नत करने तथा नागरिक अस्पताल बैजनाथ को 100 बिस्तरों वाला अस्पताल बनाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने बैजनाथ में जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि जब वे सांसद थे तो बैजनाथ उनके लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा था, उस समय उन्हें इस विधानसभा क्षेत्र के प्रत्येक गांव का दौरा करने का अवसर प्राप्त हुआ था और वे लोगों की इच्छाओं व अपेक्षाओं के प्रति सचेत हैं, जो विकास के लिए आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को विकास के क्षेत्र में आदर्श राज्य बनाने का श्रेय समय-समय पर सत्तासीन रही कांग्रेस सरकार को जाता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकारों की दूरदर्शी योजनाओं, नीतियों व कार्यक्रमों के कार्यान्वयन से आम लोग लाभान्वित हुए हैं। उन्होंने ऐतिहासिक भगवान शिव मंदिर की सुरक्षा के लिए दीवार का निर्माण करने तथा राजकीय उच्च पाठशाला सगूर को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में स्तरोन्नत करने के अलावा राजकीय माध्यमिक पाठशाला गाहेरपीठ को उच्च पाठशाला में स्तरोन्नत करने की घोषणा की। उन्होंने स्थानीय विधायक द्वारा प्रस्तुत की गई मांगों को भी अपनी सहमति प्रदान की।
वीरभद्र सिंह ने पूर्व मंत्री स्वर्गीय पंडित संत राम के योगदान को याद करते हुए कहा कि यह विधानसभा क्षेत्र यहां वे अभूतपूर्व विकास के लिए उनका हमेशा ऋणी रहेगा। बैजनाथ विधानसभा क्षेत्र के अधिकतर गांवों को सड़कों से जोड़ दिया गया है तथा शेष बचे गांव को भी शीघ्र सड़क सुविधा उपलब्ध करवा दी जाएगी। उन्होंने चाय बागान से सम्बन्धित लोगों की मांगों पर उपयुक्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए तथा कहा कि चाय बागान की भूमि को अन्य उद्देश्यों के लिए उपयोग करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। कांगड़ा चाय की अपनी विशेष पहचान है और प्रदेश सरकार इससे लाभप्रद बनाने के लिए भारतीय चाय बोर्ड के साथ मिलकर आवश्यक पग उठाए गए।
उन्होंने शिक्षक समुदाय से कठिन परिश्रम करने का आहवान किया ताकि विद्यार्थी विश्व स्तर पर होने वाली प्रतियोगिताओं व परीक्षाओं में उर्त्तीण होने में समक्ष बन सके। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों में नैतिक मूल्यों व अच्छी आदतों को संचारित किया जाना चाहिए। शिक्षा ने केवल साक्षर बनाती है, बल्कि विद्यार्थियों को समझदार तथा उनका समग्र विकास भी सुनिश्चित बनाती है। उन्होंने कहा कि अध्यापक ही भावी पीढ़ी को समझदार, आत्मविश्वासी तथा आत्मनिर्भर बना सकते हैं। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने 209.41 लाख रुपये की लागत से दयोल में निर्मित पुल का, 645 लाख रुपये की लागत से निर्मित पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बदियां खोपा के भवन के अलावा 33 केवी के विद्युत उप केन्द्र चढियार का भी लोकार्पण किया। उन्होंने 205.71 लाख रुपये की लागत से निर्मित होने वाले जमेराला सम्पर्क मार्ग का भी भूमि पूजन किया।
उन्होंने राजीव गांधी राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेदिक महाविद्यालय के सभागार तथा भट्टी अनुभाग की परिसर में आधारशिला रखी। उन्होंने 361.18 लाख रुपये की लागत से निर्मित लड़कियों के छात्रावास का भी लोकार्पण किया। उन्होंने बैजनाथ से ही अनेक विकासात्मक कार्यों की आधारशिलाएं भी रखी। शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा, ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री अनिल शर्मा, विधायक यादविन्द्र गोमा, केसीसीबी के अध्यक्ष जगदीप सिपहिया, मुख्यमंत्री के सूचना प्रौद्योगिकी सलाहकार गोकुल बुटेल भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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