सीकर। आईआईटी में देश में 11वां स्थान हासिल करने वाला सीकर का तन्मय कोचिंग संचालक से उपहार में मिली 28 लाख की बीएमडब्लू कार को लेने में असमर्थ है। चूंकि तन्मय की प्राथमिकता है उनकी हर तीन दिन में डायलिसिस पर चल रही माता का इलाज कराना। तन्मय और कोचिंग संचालक की सहमति से अब 15 दिसंबर को गाड़ी की बोली लगाई जाएगी और उससे मिलने वाली राशि तन्मय तो दी जाएगी।
सीकर के समर्पण कोचिंग में आईआईटी की तैयारी के बाद देश में आईआईटी में 11वां स्थान हासिल करने पर कोचिंग संचालक डॉ. आर एल पूनिया ने वायदे के मुताबिक खुद की 28 लाख कीमत की नई बीएमडब्ल्यू कार उपहार स्वरूप तन्यम को दे दी। पूनिया ने कोचिंग में घोषणा की थी कि जो भी पहले 20 में सलेक्ट होगा उसे वह खुद की बीएमडब्लू कार देंगे। 12 जून को तन्यम को कार की चाबी दे दी गई।
पैशे से शिक्षक राजेश्वर सिंह शेखावत व सरोज कंवर के होनहार बेटे तन्मय का आईआईटी में चयन होने और वह भी 11वें स्थान पर आने पर परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उनकी खुशी में चार चांद लगे जब बीएमडब्ल्यू कार उपहार स्वरूप मिली, लेकिन परिवार के सामने कुछ महीनो में समस्या खड़ी हो गई उपहार के रूप में मिलने वाली कार के 33 प्रतिशत टैक्स अदा करने को लेकर। इसका करीब 9 नौ लाख रुपए देना राजेश्वर के बस की बात नहीं थी। इसमें आर्थिक परेशानी यह भी कि तन्यम की माताजी का हर तीसरे दिन डायलिसिस होता है।
राजेश्वर सिंह ने बताया कि इतनी महंगी कार को अफोर्ड करना उनके बस की बात नहीं है, फिर तन्मय की माताजी का इलाज और तन्मय की खुद की भी प्राथमिकता है कि मां सरोज कंवर के इलाज में पैसा खर्च उनकी पहली प्राथमिकता है। ऐसे में राजेश्वर सिंह ने 15 दिसंबर को प्राइज वितरण समारोह में कार लेने से अपनी असमर्थता जाहिर कर कोचिंग संस्थान डॉ. आर पूनिया को कार लेने से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि प्राइज वितरण समारोह में वे इस कार की बोली लगाएं और जो राशि मिले, उसे वे सहर्ष लेने को तैयार हैं और वे इस पैसे को तन्मय की मां के इलाज में खर्च करेंगे।
राजेश्वर सिंह ने यह कार कोचिंग संचालक डॉ. आरएल पूनिया से भी लेने और रुपए देने की पेशकश की, लेकिन पूनिया ने कार को उपहार में देने की बात कहते हुए परिवार की हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया। बाद में दोनों की सहमति से कार की बोली लगाने का फैसला कर लिया। पूनिया ने बताया कि 15 दिसंबर को इस बीएमडब्ल्यू कार की बोली लगाई जाएगी, लेकिन इसकी सैल वैल्यू निर्धारण की जाएगी, फिर बोली लगाई जाएगी। अच्छी कीमत मिली तो राजेश्वर सिंह की सहमति पर कार बोली लगाने वाले को सौंप दी जाएगी और जो भी राशि मिलेगी नियमानुसार टैक्स अदा करने के बाद तन्मय व उसके परिवार को दी जाएगी।
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